6.परेमचंद साहितेक समाजेक सइर सेरेस्तान जोगदान खोरठा निबन्ध डॉ बी एन ओहदार

 6.परेमचंद साहितेक समाजेक सइर सेरेस्तान जोगदान खोरठा निबन्ध डॉ बी एन  ओहदार

निबंध संख्या – 6 : परेमचंद साहितेक समाजेक सइर सेरेस्ताय जोगदान ” 

सइर सेरेस्ताय – सही ,समतल रास्ता सही दिशा 

शीर्षक का अर्थ – समाज के निर्माण में प्रेमचंद के साहित्य का योगदान 

भावार्थ-

  • यह एक समीक्षात्मक निबंध है। 

  • इस निबंध में प्रेमचंद साहित्य की कहानियों, उपन्यासों, लेख आदि का उल्लेख करते हुए यह बताया गया है कि भारतीय समाज में यथार्थ चितेरा प्रेमचंद ने किस प्रकार भारतीय समाज के निर्माण में अपने साहितय के माध्यम से योगदान दिया है। 

  • प्रेमचंद अपने 56 साल के जीवन (1880-1936) के 30 सालों तक अपनी रचना संसार का सृजन करते रहे हैं। इस बीच उन्होंने लगभग 300 कहानियां और लगभग एक दर्जन उपन्यास लिखा।

  • तीस सालों के सृजन काल के दरम्यान तीन पड़ाव आदर्शवाद, यथार्थोन्मुख आदर्शवाद और यथार्थवाद आते हैं।

6. परेमचन्द साहितेक सामाजेक सर-सेरेस्तांय जोगदान  

  • जन्म– 31 जुलाई 1880, वाराणसी के निकट, लमही गाँव 

  • असलीनाम– धनपत राय, नवाब राय, प्रेमचंद(साहित्य का नाम ) 

  • माता का नाम –  आनन्दी देवी  

  • पिता का नाम – मुंशी अजायबराय

  • रचनाकाल-1901 से 1936 तइक

    • ओरेक काल –  1907 से 1920(इसमें आंखों देखी घटनाओं का वर्णन है) 

    • मांझा-मांझी काल – 1920 से 1930 (भारत की आजादी की लड़ाई का विष  का जिक्र)

      • वस्तुपरक यथार्थवाद

    • पुथना काल – 1930 से 1936 (इसमें साफ साफ दिखता है उनका मोह समाज के प्रति टूट गया)

  • निधन – 1936 

  • अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ की आधिकारिक उद्घाटन बैठक 9-10 अप्रैल 1936 को लखनऊ में हुई थी, जिसकी अध्यक्षता लेखक प्रेमचंद ने की थी।

    • इसी दौरान प्रेमचंद जी ने कहा था  “हमने जिस युग को पार कर लिया है उसे जीवन से कोई मतलब नहीं था” 

1907 से 1920

प्रमुख कहनी 

  • बड़े घर की बेटी

  • पंच परमेश्वर 

  • नमक का दरोगा – वंशीधर, पं आलोपीदीन

  • रानी सारधा 

  • मर्यादा की बेदी 

  • सोजेवतन-अंग्रेजो ने जला दिया 

उपन्यास

  • सेवा सदन 

  • प्रेमाश्रम – प्रेम शंकर 

1920 से 1930 

प्रमुख कहानी

  • समर यात्रा

  • दुसाहस

  • शतरंज के खिलाड़ी

  • मुक्तिमार्ग

  • बज्रपात 

  • माता का हृदय 

  • सवा सेर गेहूँ  – शंकर

उपन्यास

  • रंगभूमि – राजा महेन्दर

  • गबन 

1930-1936

प्रमुख कहानी

  • पूस की रात 

  • कफन

  • नशा

  • बलग्योझा 

उपन्यास

  • गोदान – होरी, धनिया, गोबर (बेटा) राय बहादुर

  • मंगल सूत्र – देव कुमार

कहानी / उपन्यास 

कहानी के पात्र 

गोदान 

होरी, धनिया, गोबर (बेटा) 

राय बहादुर

मंगल सूत्र 

देव कुमार

कफन

माधव एवं घीसू 

सवा सेर गेहूँ  

शंकर  एवं पांडे बाबू 

रंगभूमि 

राजा महेन्दर

प्रेमाश्रम 

प्रेम शंकर

नमक का दरोगा 

वंशीधर (ईमानदार दरोगा )

अलोपीदीन (ठेकेदार )

  • मुंशी प्रेमचंद जी का बचपन काम में बीता और 1907  से 1914 के 7 वर्षों में वे गांव-गांव घूमते रहे इसलिए उन्हें किसानों के प्रति आत्मीयता अनुभव होती है उनके दुख सुख में समरस हो सकता है इसका भी यही कारण है. 1935 में वे मराठी लेखक को अपना इंटरव्यू दिए थे

1Q. प्रेमचंद और उनका युग नामक रचना किसके द्वारा लिखा गया है ? रामविलास शर्मा

  • इसी रचना में रामविलास शर्मा ने कहा है “प्रेमचंद बहुत से असंगतइयों के बीच से गुजरते हुए क्रांतिकारी यथार्थवाद की तरफ आ रहे थे एक ऐसे यथार्थ की तरफ जो जीवन का सही चित्र देते हुए पाठक में अपने जीवन की परिस्थितियों को बदलने की एक नई जनवादी और स्वाधीन जीवन निर्माण की प्रेरणा भी दे

2Q.मुंशी प्रेमचंद की किस रचना को अंग्रेजों ने (उत्तर प्रदेश,HAMIRPUR का अंग्रेज कलेक्टर)जला दिया था ?  सोजेवतन

  • जलाकर अंग्रेजों ने कहा था खैर मनाओ कि मुगल सल्तनत में नहीं हो वरना हाथ काट दिए जाते तुम्हारे

3Q.नमक का दरोगा कहानी में नायक बंशीधर को , खलनायक अलोपीदीन जो कि एक ठेकेदार है, के द्वारा दरोगा को कितना घुस  दिया जाता है?  एक लाख

  • लेकिन वंशीधर घुस नहीं लेता है और उसे हथकड़ी पहना के कचहरी भेज देता है 

NOTE

इसीलिए अगर दरोगा बनना है तो नमक के दरोगा वंशीधर के जैसे ,किसी से भी घुस नहीं लेना है अपने जमीर को नहीं मरने देना है

  • प्रेमचंद के शब्दों में अच्छे समाज का निर्माण किया जा सकता है और अच्छे समाज के निर्माण में जबरदस्ती से किसी प्रकार का परिवर्तन लाने की बजाय प्रेम से यह परिवर्तन होना चाहिए ह्रदय परिवर्तन इसका प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए

4Q.परेमचन्द साहितेक सामाजेक सइर-सेरेस्तांय जोगदान शीर्षक पाठ केकर लिखल लागे? डॉ. बी. एन. ओहदार 

5Q.परेमचन्द साहितेक सामाजेक सेरेस्तांय जोगदान कोन किताबेक गोछे सामिल है। खोरठा निबंध

6Q.परेमचन्द साहितेक सामाजेक सेरेस्तांय जोगदान कोन रनमेक (मनेक) रचना लगे। 

समीक्षात्मक

7Q.1901 से 1936 तक मांझा-मांझी हिन्दी उरदू साहितेक आकाशे उगल एगो धुवतारा केकरा कहल हथ? परेमचन्द

8Q. परेमचन्द कर जनम कोन ईस्वीञ हेल रहे? 1880

9Q.परेमचन्द कर असली नाम की रहइ? धनपत राय 

10Q. परेमचनद कर जनम कहा हेल रहें?लमही

11Q.परेमचन्द कर निधन कोन बछरे हेल रहे? 1936 

12Q.परेमचन्द कर पहिल कहनीक गोछे कर नाम रहइ? सोज़े वतन

13Q. हमीर पुरेक (उत्तर प्रदश) अंगरेज कलकटर परेमचन्द कर कोन किताब के जबत कइर के होली जलावल रहे? सोजेवतन 

14Q. प्रेमाश्रम परेमचन्द कर कोन कालेक उपन्यास लागे? ओरेक काल

15Q.प्रेमाश्रम कर माने लेखक की बतवल हथ? परेमेक कुंबा

16Q. प्रेमाश्रय उपन्यास कर मुइख पात्र जे आश्रम बनवल रहे ओकर नाम हे  प्रेमशंकर

17Q. ‘प्रेमाश्रम’ उपन्यास कबे लिखाइल हे?1918-19 कर आस-पासे 

18Q. “रंगभूमि उपनियास’ कर नायक पात्र लागे ?राजा महेन्दर

19Q. ‘गोदान उपनियास’ कोन काले लिखाइल हे ? पुथना काले

20Q. ‘गोदान उपनियास कर मुइख पात्र कोन हे ? होरी

21Q. “मंगल सूत्र’ उपनियास कोन काले लिखाइल हे ? पुथना काले

22Q. ‘मंगल सूत्र’ उपनियास कर मुइख पात्र लागे? देवकुमार

23Q.कफन कहानी के मुख्य पात्र कौन है ? माधव एवं घीसू 

  • प्रेमचंद और उनका युग रचना के लेखक : रामविलास शर्मा

  • यह न्याय नही न्याय का गोरख धंधा है कथन रंगभूमि का है 

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