देशद्रोह से संबंधित धारा 124 ए (केदारनाथ बनाम बिहार राज्य)
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1962 में बिहार के रहने वाले केदारनाथ सिंह पर बिहार सरकार ने एक भाषण को लेकर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था
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1962 में केदारनाथ बनाम बिहार राज्य केस में सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि सरकार की आलोचना या प्रशासन पर टिप्पणी भर से देशद्रोह का मुकदमा नहीं बन सकता
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केदारनाथ फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था जब तक हिंसा के लिए उकसाने या आह्वान नहीं किया जाता सरकार देशद्रोह का मामला दर्ज नहीं कर सकती
क्या है राजद्रोह कानून(Sedition Law) की धारा 124ए ?
- भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के अनुसार, जब कोई व्यक्ति बोले गए या लिखित शब्दों, संकेतों या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा या किसी और तरह से घृणा या अवमानना या उत्तेजित करने का प्रयास करता है
या
- भारत में क़ानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असंतोष को भड़काने का प्रयास करता है तो वह राजद्रोह का आरोपी है.