• खारवेल दूसरी सदी ईसा पूर्व में कलिंग का शासक था।
  • वह जैन धर्म का अनुयायी था।
  • उड़ीसा के भुवनेश्वर नामक स्थान से तीन मील दूर उदयगिरि नाम की पहाड़ी है, जिसकी एक गुफा में एक शिलालेख उपलब्ध हुआ है, जो ‘हाथीगुम्फा शिलालेख‘ के नाम से प्रसिद्ध है। इसे कलिंगराज खारवेल ने उत्कीर्ण कराया था।
  • 24 वर्ष की अवस्था में इसका ‘राज्याभिषेक‘ किया गया।
  • खारवेल कलिंग के तीसरे राजवंश चेदि वंश का था।
  • खारवेल को ऐरा, महाराज, महामेघवाहन, एवं कलिंगाधिपति कहा गया है।