उत्परिवर्तन सिद्धांत
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  • उत्परिवर्तन सिद्धांत (mutation theory) के मुताबिक, नई प्रजातियां उनके परिभाषित लक्षणों में अचानक और अप्रत्याशित बदलाव से बनती हैं.
  • यह सिद्धांत डच वनस्पतिशास्त्री और आनुवंशिकीविद् ह्यूगो डी व्रीस ने 1901-03 में दिया था.
  • उत्परिवर्तन, DNA अनुक्रम में होने वाला बदलाव है.
  • यह कोशिका के अंदर सामान्य प्रक्रियाओं या यूवी प्रकाश जैसे पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है. डीएनए चार
  • बिल्डिंग ब्लॉक्स या आधारों से बना होता है – जिन्हें A, T, C and G के रूप में जाना जाता है.
  • उत्परिवर्तन एक ही जीन के थोड़े भिन्न संस्करण बनाता है, जिन्हें एलील कहा जाता है.