क्रिया

  किरिया (क्रिया)

  • काम हवेक / नाञ हवेक या करेक / नाञ करेक बोध करवइया सबद / पद के किरिया कहल जा हे ।
  • उदाहरन – खाएक, जाएक, हाँसेक, पारेक, घोरक, इंड़केक, हेंसरेक, डोंगेक, पइरचेक, साधेक । 
  • किरिया दू किसिम  केर हवेहे
    • 1. सकरमक किरिया 
    • 2. असकरम किरिया 

 

सकरमक किरिया

  • जे किरिया में करम मोहजूद रहे चाहे करम के हवेक गुंजाइस रहे, छपित रहे
  • अइसन किरिया में किरियाक परभाव करम केर उपर परो हइ
  • जइसन 
    • खेमना खा हे । 
    • चरकू पढ़ेहे। 
    • छोटन खेलेहे । 
    • खेमना भात खा है । 
    • चरकू खोरठा किताप पढ़ेंहे । 
    • छोटन गेंद खेलेहे ।

अकरमक किरिया : 

  • अइसन किरिया जकर में करम नाइँ रहे आर ना रहेक संभावना रहे । 
  • अकरमक किरियात्, किरियाक परभाव करता (करवइया) उपर परे
  • जइसन : 
    • करमू हाँसे । 
    • रोबिया सुतल हे। 
    • काका जाइ लागल हइ । 
    • छउआ टा काँदे लागल हे । 

अकरमक आर सकरमक किरिया चिन्हेक नियम 

  • बाइकेक किरिया के की चाहे, ककरा से सवाल करलें जदि कुछु जबाब मिले तो किरिया सकरमक लागे आर जबाब नाञ मिले तो अकरमक ।

 

 

किरियाक आर कुछु रूप :-

(क) जोड़ा किरिया

  • एकर में दूगो किरिया एक संगे राखल जा है, 
    • सलखु खेला- कुदा करे है।
    • रोहित पढ़ा-लिखा करे लागल है। 
    • तो कुछ खाइ- पी लें।

(ख) बितलकालेक (पूर्वकालिक ) किरिया

  • अइसन किरिया जे वाइकेक मुइख किरिया ले पहिले भेल बतवल जाहे ।
    • ऊ खाइके, सुते लागल हइ ।
    • राजू पीके, मातल हइ । 
  • ई दुइयो बाइके खाइके आर पीके बीतल कालेक ( पूर्वकालिक) किरिया लागइ | 

 

(ग) दोहरी किरिया 

  • जहाँ किरिया के उपर किरिया बेबहार हवे;
    • ऊ राइत के रोटी खाइब करो हइ ।
    • राजन के पइसवा घुराइ देलिअइ
    • राजन कोलेजें पढ़ब करो हथ । 
    • ई छोड़िया बड़ी हाँसब करो हइ ।
    • दूगो रोटी खाइ लेलिअइ
    • चोरवा के कसकसाई के माइर देलथि । 
    • ऊ सटटाइ के चइल गेल

 

(घ) पेरेरनारथक ( प्रेरणार्थक ) किरिया 

  • करेक – करावेक – करवाएक
  • खायेक – खियवेक – खियावेक 
  • सोमटेक – सोमटावेक – 

 

आन सबद ले किरिया बनेक

(क) संग्या / सइंगा ले बनल किरिया-

  • पाथर से पथराएक
  • गोबर से गोबरावेक
  • लाइथ से लथियावेक
  • थापड़ से थपड़ावेक
  • गोड़ से गोड़वे
  • हाँथ से हँथियावेक
  • पानी से पनियावेक
  • अइसन किरिया के नाम धातु कहल जा हे ।

 

(ख) बिसेसन ले बनल किरिया

  • चिकन से चिनावेक
  • मोटा से मोटाएक
  • पातर से पतराएक
  • गोल से गोलावेक
  • सकत से सकतावेक
  • लील से लिलावेक
  • हरियर से हरियाएक
  • डॉट से डाँटाएक

 

(ग) किरियाबिसेसन ले 

  • बाहर- बहराएक
  • भीतर – भितराएक
  • नजीक – नजिकाएक
  • पटपट-  पटपटाएक

साटप ( सहायक ) किरिया

  • मूल किरियाक बाद अलग से आवे सबद के सहायक किरिया कहल जा हे । 
    • हे, ह,इ ही, हल, हलइ, हलथ, हेन- तेन । 
    • खोरठें सहायक किरिया बड़ी अड़गुड़ (जटिल) रहे हे । 
  • पटतइर देखल जाउक :-
    • ऊ आपन घार जाइ लागल है/हल । ( वह अपना घर जा रहा है ।) 
    • ऊ तोर घार जाइ लागल हउ । ( वह तुम्हारे घर जा रहा है ।) 
    • ऊ तोहर घार जाइ लागल हउन / होअ / (वह आपके घर जा रहा है।)
    • ऊ ओकर घार जाइ लागल हइ । ( वह उसके घर जा रहा है ।) 
    • ऊ उनखर घार जाइ लागल हइन । ( वह उनके घर जा रहा है ।)

 

  • हिंदीं सिरिफ एक रूप हइ(है ) उहीं खोरठें पाँच गो रूप चले हे- है/हल, हउ , हउन, हइ,हइन
  • एहे तरि भूत कालें हल, हले, हल, हलइन, हलउ, हलउन, हलों, हली चले हे। 
    • एकर लेल हिंदीं मोटे तीन रूप – था, थे, थी चलो हइ ।

खोरठाक कुछु ठेठ (मौलिक) किरिया