झारखंड में फिर से JSSC CGL के लिए खोरठा के सिलेबस (JSSC CGL Khortha New Syllabus ) में बदलाव किया जा सकता है और नए सिलेबस का जो प्रारूप है तो वह सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। छात्रों का आरोप यह भी है कि यह सब कुछ कुछ कोचिंग माफियाओं के मिलीभगत से किया जा रहा है। ताकि वह फिर से अपना कोर्स बेच सकें और कुछ बुक पब्लिशर भी इसमें शामिल है। ताकि नए सिलेबस के लागू होने से बुक पब्लिशर का नई-नई किताबें भी छात्र खरीदेंगे , जिससे कि उनको भी खूब सारा कमाई होगा।लेकिन नुकसान तो सिर्फ और सिर्फ छात्रों को ही होगा खोरठा वैसे भी एक क्षेत्रीय भाषा है और झारखंड के छात्र खोरठा पढ़ते पढ़ते रह जाएंगे , केंद्रीय नौकरियों में खोरठा का कोई सवाल पूछा नहीं जाएगा।
कई वर्षों से तैयारी करने वाले छात्रों में आक्रोश है कि, आखिरकार यह झारखंड सरकार ऐसा कर क्यों रही है। छात्रों के भविष्य के साथ क्यों खेला जा रहा है। पुराना सिलेबस के अनुसार छात्र वर्षों से तैयारी कर रहे थे। उनके जुबान में खोरठा का सिलेबस पूरी तरह से याद था। फिर अचानक से नया सिलेबस लागू किया जा सकता है जिससे कि, उन्हें फिर से नए सिरे से शुरुआत करना पड़ेगा इसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है छात्रों को। खोरठा का कोई किताब ठीक तरीके से दुकानों में मिलता भी नहीं है। ऊपर से बहुत पतली पतली किताबों का कीमत भी बहुत ज्यादा होता है।
अगर ठीक तरीके से खोरठा के सभी पुस्तकों को खरीदा जाएगा तो करीब 10,000 से भी ज्यादा किताबों के पीछे ही खर्च हो जाएगा। ऊपर से यह कोचिंग वाले कोचिंग के नाम पर मोटी रकम पिछले 3 वर्षों से वसूल रहे हैं और छात्र इस उम्मीद में कोचिंग ले रहे हैं की, वैकेंसी अब आएगा, अब आएगा। लेकिन इस तरह से सरकार के 5 साल पूरे होने वाले हैं और कोई वैकेंसी अभी तक नहीं आया है। छात्रों का समय और पैसा पूरी तरह से बर्बाद हुआ है। कई छात्रों के तो उम्र की सीमा ही समाप्त हो चुकी है कि , अब वह फॉर्म भर सके। इसके लिए आखिर जिम्मेदार है कौन ?
अगर सरकार प्रत्येक 6 – 6 महीने में मात्र 200 वैकेंसी निकालकर भी समय पर छात्रों को जॉइनिंग देती , तो छात्र बहुत ज्यादा खुश होते। किन्ही छात्रों का का पहला परीक्षा में भले ही सिलेक्शन ना हुआ हो , लेकिन लगातार वह पढ़ते रहते इस उम्मीद में कि अगले 6 महीने बाद होने वाले एग्जाम में उनका सिलेक्शन जरूर होगा और जो मेरिट वाले स्टूडेंट है, तो वह अगली परीक्षा में जरूर पास हो जाते। जिससे कि उनका उम्र रहते सिलेक्शन हो जाता।
चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्य सरकार सभी ने सरकारी वैकेंसी को पंचवर्षीय योजना बना रखा है, कि मात्र जब चुनाव आने वाला होगा तभी हम वैकेंसी निकालेंगे इससे सिर्फ और सिर्फ छात्रों का ही नुकसान हो रहा है। प्रदेश की जनता भी बेवकूफ है चुनाव समय में बहकावे में आकर किसी को भी वोट दे देते हैं।
झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा
स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम
खोरठा भाषा
समय 2 घण्टे , कुल अंक 100
JSSC CGL Khortha New Syllabus – PDF Download