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झारखण्ड की जनजातियाँ।। बेदिया जनजाति
बेदिया जनजाति
- यह जनजाति एक अल्पसंख्यक जनजाति है।
- प्रजातीय दृष्टि से यह जनजाति द्रविड़ समूह से संबंधित है।
- यह अपने को वेद निवस या वेदवाणी कहते हैं।
- इस जनजाति के लोग स्वयं को उच्च हिन्दू मानते हैं।
- ये लोग अपने नाम के साथ बेदिया और माँझी की उपाधि धारण करते हैं।
- इस जनजाति का संकेन्द्रण मुख्यतः राँची, हजारीबाग व बोकारो जिले में है।
- इस जनजाति में वधु मूल्य को ‘डाली टका’ के नाम से जाना जाता है।
- इनके गांव के मुखिया को प्रधान कहा जाता है। इसे महतो या ओहदार भी कहते हैं। इनके नाच के मैदान को अखड़ा कहते हैं।
- इस जनजाति में सबसे प्रचलित विवाह आयोजित विवाह है।
- इनमें विजातीय विवाह को ‘ठुकुर ठेनी‘ कहा जाता है तथा यह सामाजिक रूप से निषिद्ध होता है।
- इस जनजाति में पुरूषों का परंपरागत वस्त्र केरया, काच्छा/भगवा है जबकि महिलाओं का परंपरागत वस्त्र ठेठी और पाचन है।
- इस जनजाति में दशहरा, दीपावली, छठ, सोहराई, करमा आदि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
- इनका प्रमुख पेशा कृषि कार्य है।
- इस जनजाति के प्रमुख देवता सूर्य हैं तथा इनमें सूर्याही पूजा का प्रचलन है।
- इस जनजाति के धार्मिक स्थल को सरना कहा जाता है।
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