JPSC MAINS PAPER 3/Geography Chapter – 19

बस्तियों के प्रकार और उनकी समस्याएं भारत में महत्वपूर्ण विषय हैं। इससे पहले कि हम मानव बस्तियों की समस्याओं की ओर बढ़ें, चलिए पहले इन बस्तियों के प्रकार और उनके विशेषताओं को समझें।

  1. ग्रामीण बस्तियाँ: ये भारत के गाँवों में स्थित होती हैं। इनमें खेती, पशुपालन और संबंधित गतिविधियों का प्रमुख अधिवास होता है। गाँवों में आधारित होने के कारण, इन बस्तियों में आधुनिक सुविधाएँ अक्सर कम होती हैं। जैसे कि बिजली, पानी, सड़कें आदि। इसके अलावा, ग्रामीण बस्तियों में स्वच्छता की समस्याएँ भी उत्पन्न होती हैं।
  2. शहरी बस्तियाँ: ये शहरों में स्थित होती हैं और आधुनिक जीवनशैली का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनमें अधिकांश लोग अपना रोजगार खोजने के लिए आते हैं। यहाँ पर बिजली, पानी, सड़कें, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, आदि की सुविधा होती है, लेकिन अक्सर शहरी बस्तियों में जनसंख्या की अत्यधिक भीड़, प्रदूषण, जल-संकट, भूमिगत समस्याएँ, गरीबी, अन्याय, और अनेक और समस्याएँ होती हैं।

शहरी बस्तियों को अनेक तरह की श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि:

  • अधिकृत बस्तियाँ: जो शहर के नियंत्रणित क्षेत्रों में स्थित होती हैं और आधिकारिक रूप से अनुमोदित हैं।
  • अवैध बस्तियाँ: जो शहर के नियंत्रणित क्षेत्रों में नहीं होती हैं और अधिकांश लोग यहाँ पर अवैध रूप से निवास करते हैं।

भारत में मानव बस्तियों की कुछ मुख्य समस्याएँ निम्नलिखित हो सकती हैं:

  1. जनसंख्या दबाव: भारत में जनसंख्या का बढ़ता दबाव है, जो शहरी बस्तियों में भीड़ को और अधिक बढ़ाता है।
  2. आवास की अक्षमता: लोगों की बढ़ती जनसंख्या के साथ, आवास की अक्षमता भी बढ़ती जा रही है।
  3. प्रदूषण: शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या अत्यधिक है, जो स्वास्थ्य को खतरे में डालती है।
  4. जल संकट: जल की अक्षमता और जल संकट भी एक महत्वपूर्ण समस्या है। शहरों में जल संवर्धन के लिए उपायों की जरूरत है, जैसे कि वर्षा जल का संचयन, पुनर्चक्रणीय जल प्रणालियों का अवलंबन, और जल संरक्षण के लिए सजीव जल संचार प्रणालियों का प्रयोग।
  5. स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य: स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य की समस्याएँ भी शहरी बस्तियों में अत्यधिक हैं, जैसे कि अधिकतर बस्तियों में सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाएँ अपुर्ण होती हैं और यहाँ पर विभिन्न रोगों का प्रसार होता है।
  6. बेरोजगारी: शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या अत्यधिक है, जो अनेक युवाओं को आर्थिक संकट में डालती है।
  7. सामाजिक असमानता: शहरी बस्तियों में सामाजिक असमानता भी एक महत्वपूर्ण समस्या है, जहाँ गरीबी, भेदभाव, और अन्याय की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकारों, स्थानीय स्तर के निकायों, गैर-सरकारी संगठनों, और समुदायों को साथ मिलकर काम करना होगा। साथ ही, नागरिकों को भी सशक्त बनाने के लिए उन्हें सहयोग और समर्थन प्रदान किया जाना चाहिए।