विदेशी पूंजी और तकनीकी का महत्व आर्थिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दोनों ही कारक आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विदेशी पूंजी (Foreign Capital):
- निवेश की बढ़ोतरी (Increase in Investment): विदेशी पूंजी द्वारा निवेश की बढ़ोतरी होती है, जिससे नए उद्योग और परियोजनाएं शुरू होती हैं। यह नए रोजगार सृजना और उत्पादन की वृद्धि को संभव बनाता है।
- तकनीकी उत्पादन की वृद्धि (Technological Advancement): विदेशी पूंजी के साथ साथ अक्सर विदेशी तकनीक और ज्ञान की भी प्रवाह होती है, जिससे स्थानीय उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार होता है।
विदेशी तकनीकी (Foreign Technology):
- तकनीकी अद्यतन (Technological Upgradation): विदेशी तकनीकी अद्यतन स्थानीय उत्पादन प्रक्रियाओं को सुधारने में मदद करती है, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
- अधिक उत्पादनता (Increased Productivity): विदेशी तकनीकी का उपयोग करके उत्पादन प्रक्रियाओं में अधिक उत्पादनता होती है, जिससे उत्पादों की आपूर्ति बढ़ती है और उत्पादों की मानदंड में सुधार होती है।
विदेशी पूंजी और तकनीकी की भूमिका समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे एक देश की अर्थव्यवस्था को नए और उन्नत स्तर पर ले जाया जा सकता है। यह न केवल उत्पादन में वृद्धि करता है, बल्कि लाभकारी रोजगार भी सृजित करता है और समाज के विभिन्न वर्गों के लिए समान अवसर संभव बनाता है