प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम से सम्बन्धित खबरेे
29 May 2022 मन की बात कार्यक्रम Gk
1. यूनिकार्न क्या है :श्री मोदी ने कहा कि देश में यूनिकार्न की संख्या पांच मई को सौ से अधिक हो गई । कम से कम साढ़े सात हजार करोड़ रुपये के स्टार्टअप को यूनिकार्न कहते हैं ।
2. श्रीधर वेम्बू: पद्म सम्मान से पुरस्कृत और सफल उद्यमी श्रीधर वेम्बू ने अन्य उद्यमों को प्रोत्साहित करने का बीड़ा उठाया है ।
3. मदन पडाकी: जिन्होंने ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 2014 में वन ब्रिज प्लेटफार्म बनाया है ।
5. मीरा शेनॉय : मीरा ग्रामीण जनजातीय और दिव्यांग युवाओं के लिए बाजार से जुड़े कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है ।
थारगईगल कइविनई पोरूस्तकल विरप्पनई अंगाड़ी क्या है ?
6. तंजावुर की विशेष गुडिया : तमिलनाडु के तंजावुर के स्व : सहायता समूह से मिले उपहार । यह तंजावुर की विशेष गुडिया है जिसे जी आई टैग भी मिला हुआ है । स्वः सहायता समूह के स्टोर और किओस्क जगह – जगह खुल रहे हैं । इन स्टोर की सहायता से महिलाएं अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेच रही हैं । इस पहल को थारगईगल कइविनई पोरूस्तकल विरप्पनई अंगाड़ी नाम दिया गया है । प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल से 22 स्व सहायता समूह जुड़े हैं । यह समूह तंजावुर की गुडिया , बोंज लैम्प जैसे जी आई उत्पादों के अतिरिक्त खिलौने , चटाईयां और कृत्रिम आभूषण भी बनाते हैं ।
7. पश्चिम बंगाल में पुरुलिया के श्रीपति टूडू : श्रीपति सिद्धो कानो बिरसा विश्वविद्यालय में संथाली भाषा के प्रोफेसर हैं । श्रीपति टूडू ने संथाली समुदाय के लिए ओल चिकी लिपि में देश के संविधान की प्रति तैयार की है ।
8.हिरोशि कोइके जाने – माने जापानी कला निर्देशक हैं । उन्होंने महाभारत परियोजना का निर्देशन किया है । इस परियोजना की शुरूआत कंबोडिया में हुई थी और पिछले 9 वर्ष से निरंतर जारी है । हिरोशि कोइके प्रत्येक वर्ष एशिया के किसी देश में जाते हैं और स्थानीय कलाकारों तथा संगीतकारों के साथ महाभारत के कुछ हिस्सों को प्रस्तुत करते हैं । इस परियोजना के माध्यम से हिरोशि ने भारत , कंबोडिया और इंडोनेशिया सहित 9 देशों में महाभारत का निर्माण और मंचन किया है ।
9. प्रधानमंत्री ने आत्सुशि मात्सुओ और केन्जी योशी की भी चर्चा की । ये दोनों टेम प्रोडेक्शन कंपनी से जुड़े हैं । इस कंपनी ने रामायण पर आधारित जापानी ऐनिमेशन फिल्म बनाई , जो 1993 में रिलीज हुई थी । जापान के अत्यधिक प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक युगो सागो भी इस परियोजना से जुड़े थे । लगभग 40 वर्ष पहले 1983 में वे पहली बार रामायण से परिचित हुए थे ।