सिद्धू, कान्हू, चाँद तथा भैरव (Sidhu, Kanhu, Chand and Bhairav )
- 1855-56 में प्रारंभ संथाल विद्रोह का नेतृत्व – सिद्धू, कान्हु, चाँद तथा भैरव ने किया।
- सिद्धू का जन्म – 1815
- कान्हु का जन्म – 1820
- चाँद का जन्म – 1825
- भैरव का जन्म – 1835
- मूर्मू बंधुओं का गाँव – भोगनाडीह ,Barhait block in the Sahibganj
- सिद्धू का नारा – ‘करो या मरो, अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो’
- चाँद तथा भैरव की गोली लगने से मौत हुई
- सिद्धू तथा कान्हु को गिरफ्तार कर फाँसी दी गई।
- मूर्मू बंधुओं के पिता – चुन्नी माँझी थे
- सिद्धू की पत्नी – सुमी
अंग्रेज शासकों, जमींदारों तथा साहूकारों के विरूद्ध 1855-56 में प्रारंभ संथाल विद्रोह का नेतृत्व चार मूर्मू नेताओं सिद्धू, कान्हु, चाँद तथा भैरव ने किया।सिद्धू का जन्म 1815 ई., कान्हु का जन्म 1820 ई., चाँद का जन्म 1825 ई. तथा भैरव का जन्म 1835 ई. में हुआ था।
1855 ई. में मूर्मू बंधुओं ने भोगनाडीह (मूर्मू बंधुओं का गाँव) में विद्रोह (हूल) का निर्णय लिया तथा सिद्धू द्वारा यहाँ ‘करो या मरो, अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो’ का नारा दिया गया। अंग्रेजों द्वारा संथाल विद्रोह के विरूद्ध कार्रवाई में चाँद तथा भैरव की गोली लगने से मौत हुई और सिद्धू तथा कान्हु को गिरफ्तार कर फाँसी दी गई।मूर्मू बंधुओं के पिता चुन्नी माँझी थे तथा सिद्धू की पत्नी का नाम सुमी था।