• उपनिषद -ब्राह्मण ग्रंथों के भाग उपनिषद कहलाते हैं
  • उपनिषद का अर्थ – निकट बैठना
  • इनकी संख्या लगभग 108 है, किन्तु मुख्य उपनिषद 13 हैं। हर एक उपनिषद किसी न किसी वेद से जुड़ा हुआ है।
  • उपनिषद में ही कार्य तथा फल का सिद्धांत निश्चित किया गया है-
    • मनुष्य जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल भुगतना पड़ेगा
    • मनुष्य का मुख्य उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना है
  • मुंडकोपनिषद से ही भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ लिया गया है।
  • कठोपनिषद् में वाजश्रवा के पुत्र नचिकेता और यम के बीच हुए संवाद का सुप्रसिद्ध उपाख्यान है।