5.एगो कुकुरेक आत्मकथा खोरठा निबन्ध डॉ. बी.एन. ओहदार
निबंध संख्या – 5 : एगो कुकुरेक आत्मकथा
शीर्षक का अर्थ – एक कुत्ते की आत्मकथा
भावार्थ –
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यह आत्म कथात्मक शैली में लिखा गया निबंध है।
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मुख्यपात्र एक कुता है, जो अपनी आत्मकथा कहता है।
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इस आत्मकथा में कुता मानवी-सभ्यता के एक-एक पड़ाव को चित्रित करता है ओ मानव-सभ्यता का विस्तृत कथा कहता है।
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निबंध में यह दिखाया गया है कि कुता मानव-सभ्यता के आरंभिक दिनों से ही मानवों के साथ जुड़ जाता है। इस प्रकार कुता मानव सभ्यता के विकास का साथी है। निबंध में यह भी दिखाया गया है कि कुता पाषाण युग से ही मनुष्य के सम्पर्क में आता है जबकि गाय बहुत बाद में पशुपालन युग में सम्पर्क में आती है।
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कुत्ता का पर्यायवाची – सेता ,अल्ला,डॉग
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वैदिक युग में कुत्ता मानव का दोस्त था लेकिन उत्तर वैदिक काल से ही कुत्ते को घृणा की नजर से देखा जाने लगा (वर्ण व्यवस्था उत्तर वैदिक काल की देन)
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समाज में चार वर्णों के अतिरिक्त जो पांचवा वर्ण है वह अंत्यज(अंतिम वर्ण) है
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महाभारत में गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से पहले कुत्ते के साथ हुआ था
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युधिष्ठिर हिमालय के मार्ग से स्वर्ग प्रस्थान जब कर रहा था तो उसके साथ भी कुत्ता था
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यह कुत्ता धर्म का प्रतीक था यानी कि यह धर्मराज था
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मानव के साथ अंतरिक्ष जाने वाला कुत्ते का नाम लाइका है
Q. महाभारत में गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से पहले किसके साथ हुआ था ? कुत्ता के साथ
Q.आदमी के साथ पहली बार अंतरिक्ष जाने वाला कुत्ते का नाम क्या था ? लाइका
Q. युधिष्ठिर के साथ हिमालय जाते समय जो कुत्ता उनके साथ था वह किस चीज का प्रतीक था ? धर्म का प्रतीक
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लोग कहते हैं वह कुत्ता धरम था
Q. कुत्ते की स्थिति में सबसे ज्यादा दुर्गति किस काल में हुआ ? उत्तर वैदिक काल में
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उत्तर वैदिक काल में ही कुत्ते से घृणा किया जाने लगा उसे नीच समझा जाने लगा
Q. समाज में कितना वर्ण व्यवस्था था ? पांच
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1.वामन 2.क्षत्रिय 3.वैश्य 4.शूद्र और 5.अन्त्यज
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अन्त्यज गांव के बाहर मसान घाट में रहते थे,ये मुर्दा का फटा कपड़ा पहनते था,अन्त्यज का प्रतीक कुत्ता था
Q. महिलाएं माथे में सिंदूर क्यों लगाती है ?
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लेखक के अनुसार प्राचीन काल में एक समूह दूसरे समूह पर आक्रमण करता था और मर्दों को मार कर महिलाओं के साथ अत्याचार किया जाता था
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कभी-कभी महिलाओं को मारा जाता था जिससे कि उनके कान कपार से लहू निकलने लगता था उसी लहू का प्रतीक के रूप में महिलाएं आज भी सिंदूर का प्रयोग करती है और हाथ में लोहा का चूड़ी (मठिया) उस समय के लोहा के सिकर(हथकड़ी ) का प्रतीक है
Q. प्राचीन काल में मनुष्य को तांबा का ज्ञान कैसे हुआ ? एक कुंभा में आग लगने के कारण
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आग की गर्मी से तांबा पिघल कर चमकने लगा था
Q. कौन-कौन सी जनजातियां घुमंतू जीवन शैली में जीवन व्यतीत करते हैं ?
Q.अभी भी चरवईया लोग किस झाड़ी के लकड़ी को रगड़ कर आग जलाते हैं ? पुटुस
प्राचीन काल में मनुष्य ने कुत्ते को किस तरह पालतू बनाया ?
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एक दिन एक महिला अपने दो छोटे बच्चों को लेकर शिकार पर गई थी अचानक उन्हें कु-कू की आवाज सुनाई दी जब देखा तो वह कुत्ते के चार बच्चे थे उन्होंने उन चारों बच्चों को अपने साथ घर ले आया जिसमें से दो कुत्ते मर गए और दो कुत्ते उनके साथ घर में रहने लगे इस तरह कुत्ता पालतू बन गया
Q. ‘एगो कुकरेक आत्मकथा’ कर लेखक कोन लागय ? डॉ. बी.एन. ओहदार
Q.“एगो कुकरेक आत्मकथा’ कोन किताब से लेल गेल हे ? खोरठा निबंध
Q. ‘एगो कुकरेक आत्मकथा’ कोन रकमेक रचना लागे ? आत्मकथात्मक
Q. “एगो कुकरेक आत्मकथा’ कोन सइलीञ लिखल गेल हे ? हाम आर फिंगाठी
Q. “एगो कुकरेक आत्मकथा’ कर वर्ण्य विषय (कथावस्तु) की हे ?एगो कुकरेक संगे मानव विकास सइभताक
Q.मानुस सइभताक विकासेक बात कहेक लागिन लेखक कुकरेक सहारा की ले लेल हथ? कुकुर मानुसेक विकास सभ्यताक संगे ओसरउति बेरा से रहल आइल हे
Q. निबंधे कुकुरेक पर्यायवाची सबदे की की नाम हे ? सेता,अल्ला, कुत्ता/डॉग
Q.कुकरेक दुरदसा कोन जुगे भेल हइल ? उत्तर वैदिक जुगे
Q. लेखक के अनुसारे समाजे वर्ण व्यवस्था कोन जुगे बनल हे ?उत्तर वैदिक जुग
Q. वर्ण के बेवस्थाञ बाभन, छत्री, वैस्य , सुद्र कर अलावे आर एगो कोन वर्ण रहे,
ओकर की पछान हइ ? अन्त्यज
Q. ई जुगे (उत्तर वैदिक जुगे) कुकुर केकर प्रतीक बनल गेलअन्त्यज कर
Q. महाभारत जुगे गांधारीक बिहा धृतराष्ट्र से करेक पहिल्हे केकर से करवल गेल रहे? कुकुर से
Q. युधिष्ठिर के हिमालयेक डहर सरग जाइक घरी कोने संग देल रहे? कुकुर
Q.युधिष्ठिर संगे जे कुकुर गेल रहे ऊ केकर प्रतीक रहे ? धर्म कर
Q.अदमी अन्तरिक्ष जाइक लागिन सबसे पहिले जे कुकुर भेजल रहे ओकर नाम रहे? लाइका
Q. सिकारी जीवनकाले अदमी मारल सिकारेक हिस्सा बाँटा कुकुर के कतना दे हला? बराबइर
Q. मायेक नामे बेटाक परिचय कोन समय से देल जाय लागल?महाभारत काल