बिहार की प्रमुख रियासतें

 

बिहार की प्रमुख रियासतें 

  • ब्रिटिश साम्राज्य  में रियासतों की स्वतंत्रता समाप्त हो गई और इनके प्रमुख की गणना जमींदारों के रूप में की जाने लगी । उस समय बिहार में इन जमींदारों का एक संगठन ‘ बिहार लैंड होल्डर्स एसोसिएशन ‘ था , जिसके नेता दरभंगा के महाराज  थे । 
  • दो रियासतों ‘ खरसांवा ‘ तथा ‘ सरायकेला की गणना स्वतंत्रता प्राप्ति के ठीक पूर्व देसी राज्यों के रूप में की जाती रही । 
  • बिहार में स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले तक प्रमुख रियासतों ( या जमींदारों ) की संख्या लगभग 25 थी । 

1. श्रीनगर रियासत

  • पूर्णिया के निकट स्थित था।  
  • बनैली राजवंश के राजा रुद्रानंद सिंह ने अपने पुत्र राजा श्रीनंद सिंह के नाम पर श्रीनगर बसाया । 
  • श्रीनगर में 1932 ई  में भयंकर अग्निकांड हुआ था । 

2. गिद्धौर  रियासत

  • मुंगेर के दक्षिणी भाग में स्थित था। 
  • इस रियासत की स्थापना 12 वीं शताब्दी में बुंदेलखंड के चंद्रवंशी राजा वीर विक्रमादित्य ने की थी । 
  • इसी राजवंश के दसवें राजा पूरनमल ने बैद्यनाथधाम ( देवघर ) में शिव का मंदिर बनवाया था । 
  • अंग्रेजो ने यहाँ के राजा गोपाल सिंह से रियासत छीन ली गई ।
  •  बाद में गोपाल सिंह के पौत्र जयमंगल सिंह ने संथाल विद्रोह के समय अंग्रेजों की काफी सहायता की , जिससे प्रसन्न होकर अंग्रेजों ने ‘ राजा ‘ की उपाधि के साथ उन्हें रियासत वापस कर दी । 

3. दरभंगा ( मिथिला ) रियासत

  • यह ब्राह्मण राज्य था । 
  • यहाँ के महाराजा भारत के सभी जमींदारों में सर्वाधिक धनी तथा प्रतिष्ठित समझे जाते थे ।
  •  इस राज्य के संस्थापक पं ० महेश ठाकुर थे । 
  • मुगल सम्राट अकबर ने इनकी विद्वता से प्रभावित होकर मिथिला का राज्य दिया था ।

 

4. सूर्यपुरा रियासत

  • इस रियासत के राजा ,डुमरांव नरेश के दीवान थे , इसलिए यह ‘ दीवान जी की रियासत ‘ कहलाता था । 
  • दीवान रामकुमार सिंह के पुत्र राज राजेश्वरी प्रसाद सिंह को सर्वप्रथम ‘ राजा ‘ की उपाधि मिली । 
  • वह बिहार के एकमात्र कायस्थ राजा थे । 
  • इनके ज्येष्ठ पुत्र राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक हुए तथा उनके छोटे पुत्र कुमार राजीव रंजन प्रसाद सिंह सन् 1952 से पहले बिहार विधान परिषद के सभापति थे । 

5. नरहन रियासत

  • गंगा राय ने दरभंगा जिले के ‘ सरैसा ‘ परगने को जीतकर ‘ गंगसरा ‘ नामक गाँव में अपनी राजधानी बनाई । 
  • बाद में सरैसा से ही कई छोटी – छोटी रियासतें बनी , जिनमें नरहन एक प्रमुख रियासत थी । 
  • नरहन की राजमाता की मृत्यु के बाद आधा नरहन राज काशी नरेश के अधिकार में चला गया । 

6. टेकारी रियासत

  • गया जिले में स्थित था। 
  • इस राज ( रियासत ) के संस्थापक धीर सिंह थे। 
  •  धीर सिंह के पुत्र सुन्दर सिंह ने बंगाल और बिहार के सूबेदार को सासाराम ( शाहाबाद ) और नरहन ( दरभंगा ) के युद्धों में सहायता दी थी । अतः उन्हें ‘ राजा ‘ की उपाधि मिली > 
  • बाद में यहाँ के राजा मित्रजीत सिंह के निधन के बाद उनके पुत्रों कुमार हितनारायण सिंह और कनिष्ठ पुत्र कुमार मोदनारायण सिंह  के मध्य रियासत बांटी गई ।
  •  कुमार हितनारायण सिंहटेकारी के महाराजा हुए । 

7. अमावां रियासत

  • टेकारी के महाराज कुमार मोदनारायण सिंह को पटना जिले में अमावां राज्य मिला । 
  • बाद में टेकारी और अमावां दोनों रियासतें मिलकर एक हो गईं । 

8. हथुआ रियासत

  • सारण ( छपरा ) जिले में स्थित था। 
  • वीरसेन ने इस राज्य की स्थापना थी । 
  • इस राजवंश के 27 वें राजा खेमकर्ण साही को मुगल दरबार ने ‘ महाराज बहादुर ‘ की उपाधि दी थी । 
  • सन् 1769 में हथुआ नरेश महाराज फतेह साही ने अंग्रेज शासकों के विरुद्ध झंडा उठाया था । तब कंपनी ने हथुआ पर कब्जा कर लिया था । 
  • इस रियासत की राजधानी ‘ होसेपुर ‘ नामक गाँव में थी , किन्तु महाराज छत्रधारी सिंहसाही के समय में राजधानी वहाँ से हथुआ लाई गई । 

9. बनेली रियासत

  • यह रियासत पूर्णिया जिले में स्थित थी ।
  • दरभंगा जिले के बैगनी नवादा गाँव के ब्राह्मण पं ० गदाधर झा की विद्वता से दिल्ली के सम्राट सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने इन्हें कुछ गाँव जागीर में दिये । 
  • चौधरी दुलार सिंह ने नेपाल युद्ध में ब्रिटिश सरकार की मदद कर ‘ राजा ‘ की उपाधि और बनैली के आसपास की 7 कोस ( 14 मील ) जमीन प्राप्त की । 

10. डुमरांव रियासत

  • डुमरांव राजवंश परमारवंशी राजपूतों का था । 
  • उसी गाँव के भोज सिंह यहाँ के प्रथम राजा बने थे । भोज सिंह के नाम पर ‘ भोजपुर ‘ गाँव बसाया गया। भोजपुर राज्य तीन शाखाओं में विभक्त हो गया – डुमराँव , जगदीशपुर और बक्सर । 
  • बक्सर युद्ध ( 1764 ) में डुमरांव के तत्कालीन महाराज जयप्रकाश सिंह ने अंग्रेजों की सहायता की थी । अतः लॉर्ड हेस्टिंग्स ने उन्हें ‘ महाराज बहादुर ‘ की उपाधि प्रदान की । 

11. जगदीशपुर रियासत

  • 1857 में हुए सिपाही विद्रोह के नायक बाबू कुंवर सिंह जगदीशपुर रियासत के जमींदार थे । 
  • उनके भाई के वंशज दिलीपपुर में रहते थे । 
  • जगदीशपुर ,आरा से दक्षिण पश्चिम की ओर स्थित था। 

12. बक्सर रियासत

  • सन् 1577 में प्रसिद्ध राजा दलपति सिंह यहाँ के राजा हुए । 
  • कालांतर में यह रियासत डुमरांव राज में विलीन हो गयी । 

13. गंधवार रियासत

  • ये स्वयं को परमार राजपूत और मिथिला के कर्णाट वंश के राजा नान्यदेवसिंह के वंशज मानते थे । 
  • परमारों ने दरभंगा जिले के ‘ गंधवार ‘ और ‘ भौर ‘ नामक स्थानों में अपने राज्य स्थापित किये । ‘ गंधवार ‘ में रहने वाले ‘ गंधवरिया ‘ और ‘ भौर ‘ में रहने वाले ‘ भौरशूरिया ‘ कहलाने लगे । 
  • गंधवरियों की तीन मुख्य रियासतें थीं— सोनबरसा , बरूआरी और पंचगछिया । 
  • ये तीनों रियासतें  भागलपुर जिले में थीं , पर अब वे क्रमशः सहरसा और सुपौल जिला में हैं । 

14. भगवानपुर रियासत

  • यह रियासत शाहाबाद जिले के चैनपुर परगने में थी ।
  • यहाँ के राजपूत शासक तक्षशिला को अपना आदि निवास स्थान तथा ‘ पोरस ‘ को अपना पूर्वज मानते थे ।
  • इस राज्य के संस्थापक लक्ष्मीमल चंद्रवंशी ,दिल्ली के निकट ‘ सकरी ‘ नामक स्थान से आकर शाहाबाद जिले के भगवानपुर नामक गाँव में बसे थे । 

15. बरारी रियासत

  • दरभंगा जिला निवासी पं ० नारायण ठाकुर को भागलपुर जिले में जो जागीर मिली थी उसी से बरारी की रियासत कायम हुई थी । 
  • नारायण ठाकुर के वंशजों की 3 शाखाएं थीं – दत्त शाखा , मोहन शाखा और नाथ शाखा । 

16. देव रियासत

  • गया जिले ( अब औरंगाबाद जिले ) की इस रियासत के संस्थापक राजा मान सिंह उदयपुर ( मेवाड़ ) के एक राणा के छोटे भाई थे । 
  • पहले इसकी राजधानी उमगा ( उमागढ़ ) थी । बाद में राजधानी देव में लाई गई । 

17. बाघी रियासत

  • मुजफ्फरपुर में स्थित था। 
  • इस रियासत के अधिपति रायबहादुर श्यामनंदन सहाय थे । 
  • रायबहादुर श्यामनंदन सहायबिहार विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति हुए ।  

18. बेतिया रियासत

  • इस रियासत के संस्थापक उग्रसेन थे , जिनके पुत्र राजसिंह को मुगल सम्राट अकबर से ‘ राजा ‘ की उपाधि मिली थी । 

19. शिवहर रियासत

  • यह बेतिया राजवंश की एक शाखा है । 
  • ब्रिटिश सरकार द्वारा यहाँ के अधिपति को ‘ राजा ‘ की उपाधि मिली थी ।

 20. बदलपुरा रियासत

  • इसके अधिपति रायबहादुर रामानुग्रह नारायण सिंह थे । 
  • यह रियासत पटना जिले में स्थित थी । 

21. हरिजी की रियासत

  • यह रियासत आरा में स्थित थी । 
  • इसके अधिपति रायबहादुर हरिहर प्रसाद सिंह थे । 
  • इनके पिता दीवान जयप्रकाश लाल डुमरांव राजा के दीवान रह चुके थे । 

22. सुरसंड रियासत

  • यह रियासत मुजफ्फरपुर जिले में थी । 
  • सुरसंड अभी सीतामढ़ी जिला में है । 
  • मिथिला नरेश राजा प्रताप सिंह के समय में इस राज्य की स्थापना हुई थी । 

23. पलामू रियासत

  • दक्षिण पूर्व पलामू ( अब झारखंड में ) में स्थित था  । 
  • इनकी राजधानीऔरंगा नदी के किनारे पलामूगढ़ थी । 

24. सोनपुरा रियासत

  • यह रियासत पलामू जिले में थी ।
  •  इस राजवंश के कन्नर साही देव ने ‘ जपला ‘ और ‘ लौजा ‘ परगनों को दिल्ली के बादशाह से जागीर के रूप में प्राप्त किया था । 
  • उन्होंने ‘ सोनपुरा में राजधानी बनाई थी ।

25. कुण्डे रियासत

  • यह रियासत हजारीबाग जिले में थी । 
  • औरंगजेब ने अपने सेवक रामसिंह को सन् 1669 ई ० में इसे जागीर के तौर पर दिया था ।

बिहार में स्थित अन्य छोटी रियासतें ( लगभग 35 )

आरा में स्थित रियासतें

  • निर्मल कुमार जैन की रियासत 

मुजफ्फरपुर में स्थित रियासतें

  • रायबहादुर नारायण महथा की रियासत
  • रायबहादुर कृष्णदेव नारायण महथा की रियासत
  •  उमाशंकर प्रसाद की की रियासत

मुंगेर में स्थित रियासतें

  • रायबहादुर दिलीप नारायण सिंह की रियासत
  • सेठ केदार नाथ गोयनका की रियासत
  • राजनीति प्रसाद सिंह की रियासत

पूर्णिया में स्थित रियासतें

  • राजा पृथ्वीचंद लाल की रियासत
  • मुस्लिम जमींदार ‘ असद राजा की रियासत