सार्वजनिक व्यय की आंतरिक व बाह्य उधारियाँ
      सार्वजनिक व्यय की आंतरिक व बाह्य उधारियाँ

      सार्वजनिक व्यय की आंतरिक और बाह्य उधारियाँ दोनों ही महत्वपूर्ण होती हैं।

      आंतरिक उधारियाँ (Internal Borrowings):

      1. राज्य सरकारी उधार (State Government Borrowings): राज्य सरकारें अपनी विभिन्न आर्थिक कार्यों के लिए ऋण लेती हैं, जैसे कि बिजली, पानी, और सड़क निर्माण।
      2. सेंट्रल सरकारी उधार (Central Government Borrowings): केंद्र सरकार अपने आर्थिक योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए ऋण लेती है, जैसे कि जल, बिजली, सड़क निर्माण, और सामाजिक कल्याण कार्यक्रम।
      3. सार्वजनिक क्षेत्र के उधार (Public Sector Borrowings): सार्वजनिक क्षेत्रीय उद्यम भी आर्थिक संबंधों के लिए ऋण लेते हैं, जैसे कि उत्पादन या सेवा की वृद्धि के लिए नई और सुधारित संरचनाओं की आवश्यकता होती है।

      बाह्य उधारियाँ (External Borrowings):

      1. विदेशी ऋण (Foreign Loans): विदेशी संस्थाओं या देशों से प्राप्त ऋण जिसमें बाजार दर के अनुसार ब्याज दिया जाता है। ये ऋण विदेशी संस्थाओं, वित्तीय संस्थाओं, या सरकारों से प्राप्त किए जा सकते हैं।
      2. सामर्थ्य ऋण (Bilateral Loans): ये ऋण एक देश से दूसरे देश को दिया जाता है, जैसे कि एक देश की सरकार दूसरे देश की सरकार को अनुदान या कर्ज दे सकती है।
      3. अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से उधार (Borrowings from International Institutions): इनमें विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं शामिल हो सकती हैं, जो विभिन्न विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।

      इन आंतरिक और बाह्य उधारियों का संचय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाल सकता है, जैसे कि ब्याज दर, लागत, और आर्थिक स्थिरता। यह उधारण विवेकपूर्णता के साथ किया जाना चाहिए ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे और विकासीय लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।