• वर्ष 2004 में, भारत सरकार ने भाषाओं को “शास्त्रीय भाषा” के रूप में नामित करना शुरू किया।
    • 1.तमिल – 2004
    • 2.संस्कृत – 2005
    • 3.तेलुगू–  2008
    • 4.कन्नड़– 2008
    • 5.मलयालम– 2013
    • 6.ओड़िया- 2014
  • 6 भाषाओं के अलावा मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को भी इस प्रतिष्ठित श्रेणी में शामिल किया गया है।
    • 7.मराठी भाषा – 2025 को आधिकारिक रूप से शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया।