- श्री बादल भोई छिंदवाड़ा जिले के एक क्रांतिकारी आदिवासी नेता थे.
- उनका जन्म 1845 में परासिया तहसील के डूंगरिया तीतरा गाँव में हुआ था.
- उनके नेतृत्व में 1923 में हजारों आदिवासियों को कलेक्टर बंगला में प्रदर्शित किया गया था. लाठीचार्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
- 21 अगस्त, 1930 को उन्हें अंग्रेजों द्वारा रामाकोना (श्री विष्णुनाथ दामोदर के नेतृत्व में) पर वन नियम तोड़ने के लिए गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया.
- 1940 में अंग्रेजों द्वारा उन्हें जहर दिए जाने के बाद उन्होंने अपनी अंतिम सांस जेल में छोड़ दी.
- राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के कारण, जनजातीय संग्रहालय का नाम बदलकर ‘श्री बादल भोई राज्य जनजातीय संग्रहालय‘ कर दिया गया है. 15 अगस्त, 2003 से, आदिवासी संग्रहालय पर्यटकों के लिए रविवार को भी खोला जाता है.