पानीपत का तृतीय युद्ध (1761 ई.)
- पानीपत का तृतीय युद्ध अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली एवं मराठों के बीच लड़ा गया।
- इस युद्ध का मुख्य कारण यह था कि अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली ने पंजाब में राजकुमार तैमूर को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। किंतु, मराठों ने उसे हटाकर अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया, जिससे असंतुष्ट अब्दाली ने पुनः आक्रमण कर दिया।
- इस युद्ध में मराठों की पराजय हुई।
- इस युद्ध का नेतृत्व पेशवा बालाजी बाजीराव का चचेरा भाई सदाशिवराव भाऊ एवं पेशवा का पुत्र विश्वास राव कर रहे थे। मराठों की ओर से तोप खाने का नेतृत्व इब्राहिम गार्दी ने किया।
- इस युद्ध में अहमद शाह अब्दाली के साथ शुजाउद्दौला (अवध), नजीबुझौला रूहेला, हाफ़िज़ रहमत खाँ, दुदि खाँ एवं सादुल्लाह खाँ थे।
- इस युद्ध का आँखों देखा वर्णन काशीराज पंडित ने किया।
- मराठों की पराजय की सूचना पेशवा बालाजी बाजीराव को काशीराज पंडित ने इन शब्दों में भेजी, ” दो हीरे नष्ट हो गए,अर्थात् युद्ध के दौरान सदाशिवराव भाऊ एवं विश्वास राव तथा अनेक योग्य मराठा सरदार मारे गए।