बिरसा मुण्डा

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  • बिरसा मुण्डा (Birsa Munda) जन्म :  15 नवंबर, 1875 ,उलिहातू गाँव (खूटी,पहले रांची ) ,मुण्डा परिवार 
  • जन्म का दिन :  सोमवार को (बृहस्पतिवार के आधार पर नाम बिरसा )
  • बचपन का नामदाउद मुण्डा 
  • पिता का नामसुगना मुण्डा ( उलिहातू गाँव के बंटाईदार) 
  • माता का नाम : कदमी मुण्डा 
  • बड़े भाई का नाम  : कोन्ता मुण्डा 
  • प्रारंभिक शिक्षक का नामजयपाल नाग 
  • धार्मिक गुरू का नाम : आनंद पाण्डे (वैष्णव धर्मावलंबी) 
  • प्रारंभिक शिक्षा : जर्मन एवेंजेलिकल चर्च द्वारा संचालित विद्यालय में
  • आंदोलन में शामिल 
    • छात्र जीवन में चाईबासा भूमि आंदोलन से जुड़े 
    • 18 वर्ष की आयु में चक्रधरपुर जंगल आंदोलन से जुड़ गये। 
    • वन और भूमि पर आदिवासियों के प्राकृतिक अधिकार के लिए लड़ाई 
    • जमींदारों और साहूकारों के खिलाफ बगावत का नेतृत्व 
  • बिरसा मुण्डा द्वारा नये पंथ की शुरूआत : “बिरसाइत पंथ’
    • सिंगबोंगा का दूत:  1895 में बिरसा मुण्डा ने स्वयं को घोषित किया ।
    • एकेश्वरवाद पर बल : अनेक देवी-देवताओं के स्थान पर केवल सिंगबोंगा की अराधना 
    • उपासना हेतु सबसे उपयुक्त स्थान : गाँव के सरना (उपासना) स्थल 
  • बिरसा मुण्डा के उपदेश 
    • अहिंसा का समर्थन 
    • पशु बलि का विरोध
    •  हडिया / मद्यपान का त्याग
    •  जनेऊ (यज्ञोपवीत) धारण करने हेतु प्रेरित 
  • उलगुलान विद्रोह का नेतृत्व : 1895-1900 के  
  • बिरसा आंदोलन का प्रमुख केन्द्र-बिन्दु  : डोम्बारी पहाड़ , khunti
  • पहली बार गिरफ्तार : 1895 में , 
    • अंग्रेज सरकार के खिलाफ  षड़यंत्र रचने के आरोप में
    • सजा :  2 वर्ष की जेल तथा  50 रुपया जुर्माना 
      • 50 रुपया जुर्माना न चुकाने के कारण सजा  6 माह बढ़ा दिया गया। 
  • गिरफ्तार करने वाला : जी. आर. के. मेयर्स (डिप्टी सुपरिटेन्डेंट) 
  • दूसरी बार गिरफ्तार : 1900 में 
    • गिरफ्तार करवाने हेतु अंग्रेजों ने 500 रूपये का ईनाम रखा था। 
    • ईनाम जगमोहन सिंह के आदमी वीर सिंह महली को मिला था।
  • बिरसा की मृत्यु : 9 जून, 1900, रॉची जेल में ,  हैज़ा से 
  • झारखण्ड का गठन : बिरसा मुण्डा के जन्म दिवस (15 नवंबर, 2000) को 
  • बिरसा मुण्डा झारखण्ड के एकमात्र आदिवासी नेता हैं जिनका चित्र संसद के केन्द्रीय कक्ष में लगाया गया है। 
  • उपन्यासकार महाश्वेता देवी ने इनसे सम्बंधितउपन्यास  ‘अरण्येर अधिकार’ (जंगल का अधिकार) की रचना 1975 में  की है।