- मूल अधिकारों एवं निदेशक तत्वों के संदर्भ में ऐसी परिस्थितियाँ व्याप्त हो सकती है, जब दोनों का प्रयोग एक- दूसरे के असंगत हो सकता है.
- चंपकम दोराईराजन बनाम मद्रास राज्य (1951) मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय में स्पष्ट रूप से अधिकथित किया कि निदेशक तत्वों को मूल अधिकारों के अनुरूप और उनके सहायक के रूप में कार्य करना होगा.