तरंगदैर्घ्य

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  • तरंग, जितनी दूरी के बाद अपने आप को पुनरावृत करती है, उस दूरी को उस तरंग का तरंगदैर्घ्य (Wavelength) कहते हैं। ‘दीर्घ’ से ‘दैर्घ्य’ बना है। तरंगदैर्घ्य, तरंग के समान कला वाले दो क्रमागत बिन्दुओं की दूरी है। एक तरंग की दो क्रमिक शिखा या गर्तों के बीच के स्थान या लंबाई को तरंगदैर्ध्य कहा जाता है।
  • इसे ग्रीक अक्षर ‘लैम्ब्डा’ (λ) द्वारा निरुपित किया जाता है। इसका SI मात्रक मीटर है।
  • बैंगनी प्रकाश की तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है। सबसे ज्यादा तरंगदैर्ध्य लाल रंग का होता है ।
    • बैंगनी प्रकाश इस कारण यह दूर तक संचरण नहीं करती हैं।
    • जबकि लाल रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे ज्यादा होता हैं इस कारण यह दूर तक संचरण करती हैं।

  • Compton wavelength is a quantum mechanical property of a particle, defined as the wavelength of a photon whose energy is the same as the rest energy of that particle.
  • Compton wavelength value of an electron is 0.243 Å.