- जायांग (Gynoecium) : जायांग पुष्प का मादा भाग है। यह पुष्प का चौथा और सबसे भीतरी चक्र है।
- यह एक या एक से ज़्यादा स्त्रीकेसरों से मिलकर बना होता है
- यह अण्डपों (Carpels) से निर्मित होता है।
- अण्डप के किनारों से बीजाण्ड (Ovules) उत्पन्न होते हैं । इन्हीं बीजाण्डों में मादा युग्मक अण्डाणु होते हैं। विभिन्न पादपों में बीजाण्डों की संख्या निश्चित होती है।
- जायांग के तीन भाग होते हैं –
- वर्तिका (Style) – अंडाशय को वर्तिकाग्र से जोड़ती है,
- वर्तिका अंडाशय के ऊपर का लम्बा एवं पतला भाग होता है ।
- वर्तिकाग्र (Stigma) – वर्तिका का सबसे ऊपर का भाग होता है जो चिपचिपा होता है।
- अंडाशय –