गति का प्रथम नियम

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  • गति का प्रथम नियम : जड़त्व का नियम  (First Law of Motion : Law of Inertia) : इस नियम के अनुसार, यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में रहेगी या यदि एक समान गति से सीधी रेखा में चल रही है तो वैसी ही चलती रहेगी, जब तक उस पर कोई बाह्य बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन न किया जाए।
  • इस नियम को ‘जड़त्व का नियम’ भी कहते हैं। इस नियम से स्पष्ट है कि किसी वस्तु के अवस्था परिवर्तन हेतु एक बल का होना आवश्यक है।
  • जड़त्व : जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है, जिसके कारण वस्तु बाह्य बल की अनुपस्थिति में अपनी नियत अवस्था में बनी रहती है। अतः ‘परिवर्तन का प्रतिरोध जड़त्व है। जड़त्व की माप द्रव्यमान है अर्थात् भारी वस्तु का जड़त्व अधिक और हल्की का कम होगा। 
  • जड़त्व के नियम से प्राप्त बल की परिभाषा : “बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु की प्रारंभिक अवस्था में परिवर्तन करता है या परिवर्तन करने की चेष्टा करता है।”

 जड़त्व के नियम के दैनिक जीवन में प्रेक्षण

  • चलती हुई ट्रेन या बस से उतरने वाले व्यक्ति को थोड़ी दूर तक उसी दिशा में दौड़ना पड़ता है।
  • चलती गाड़ी में अचानक ब्रेक लगने पर गाड़ी में बैठा हुआ व्यक्ति आगे झुक जाता है और स्थिर गाड़ी के एकाएक चलने पर व्यक्ति को पीछे की ओर झटका लगता है।  
  • तेज़ी से चलती गाड़ी के मुड़ने पर उसमें बैठा व्यक्ति गाड़ी के मुड़ने की दिशा की विपरीत दिशा में झुक जाता है। 
  • पेड़ की शाखाओं को ज़ोर से हिलाने पर उसमें लगे फल टूट कर गिर पड़ते हैं।