अपवर्तनांक

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  • अपवर्तनांक (Refractive Index)  : किसी माध्यम का निर्वात के सापेक्ष अपवर्तनांक, निरपेक्ष अपवर्तनांक (absolute refractive index) कहलाता है। 
  • माध्यम का अपवर्तनांक =  निर्वात में प्रकाश की चाल / माध्यम में प्रकाश की चाल
  • किसी माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक को ही उसका अपवर्तनांक कहते हैं। 
  • दो माध्यमों के संदर्भ में ‘विरल माध्यम’ और ‘सघन माध्यम’ से अर्थ क्रमशः ‘प्रकाशिक विरल माध्यम’ और ‘प्रकाशिक सघन माध्यम’ है। यह आवश्यक नहीं है कि प्रकाशिक सघन माध्यम का द्रव्यमान घनत्व भी अधिक हो। 
  • अधिक अपवर्तनांक वाला माध्यम दूसरे की अपेक्षा प्रकाशिक सघन है। 
  • काँच का अपवर्तनांक वायु से ज्यादा होता है। अतः लेंस से वायु में जाने पर प्रकाश का अपवर्तन होता है और लेंस विशिष्ट व्यवहार प्रदर्शित करता है। यदि लेंस को वायु की जगह किसी अन्य तरल में डुबोया जाए, जिसका अपवर्तनांक वायु से अलग हो तो लेंस के व्यवहार में परिवर्तन आएगा। 
  • यदि लेंस को काँच के समान अपवर्तनांक वाले तरल में डुबोया जाए तो लेंस समतल प्लेट की भाँति व्यवहार करेगा। इसकी फोकस दूरी अनंत एवं क्षमता शून्य हो जाएगी। 
  •  यदि लेंस को काँच से अधिक अपवर्तनांक वाले तरल में डुबोया जाए तो लेंस की प्रकृति बदल जाएगी अर्थात् अवतल लेंस उत्तल की तरह और उत्तल लेंस अवतल की तरह व्यवहार करेगा। 
  • जल में डूबे हुये वायु के बुलबुले की ठीक वही स्थिति होगी, जो काँच से अधिक अपवर्तनांक वाले तरल में डूबे उत्तल लेंस  की। यह बुलबुला अवतल लेंस की भाँति व्यवहार करता है।