अपवर्तन
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  • प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light)  : जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में तिरछा प्रवेश करता है, तो दूसरे माध्यम में इसके संचरण की दिशा परिवर्तित हो जाती है। इस परिघटना को प्रकाश का ‘अपवर्तन‘ कहते हैं।
  • प्रकाश के अपवर्तन के उदाहरण  
  • जल से भरे किसी बर्तन अथवा तालाब आदि की पेंदी वास्तविक गहराई से कुछ ऊपर उठी हुई प्रतीत होती है। 
  • जल के अंदर पड़ी वस्तु या मछली की आभासी गहराई वास्तविक गहराई से कम प्रतीत होती है।
  • पानी से भरे काँच के ग्लास में रखा नींबू पार्श्व (Side) से देखने पर अपने वास्तविक आकार से बड़ा दिखाई पड़ता है। 
  • प्रकाश के अपवर्तन के कारण ही सूर्य, वास्तविक सूर्योदय से कुछ पहले ही दिखाई देने लगता है तथा वास्तविक सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक दिखाई देता है। वास्तविक सूर्यास्त एवं आभासी सूर्यास्त में लगभग 2 मिनट का अंतर होता है। 
  •  सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य की आकृति चपटी या अंडाकार प्रतीत होती है। 
  • वायुमंडल में भिन्न-भिन्न घनत्व की परतें पाई जाती हैं। रात्रि के समय तारों से आता प्रकाश इससे गुजरता हुआ अपवर्तित होता रहता है। इस कारण तारे टिमटिमाते (Twinkling) प्रतीत होते हैं।