- जन्म – 23 अगस्त 1939
- निधन – 30 सितंबर 2011(कैंसर )
- इनका जन्म देवरी गांव तमाड़ रांची में हुआ था
- 30 सितंबर 2021 को राम दयाल मुंडा का दसवां पुण्यतिथि मनाया जा रहा है
- रामदयाल मुंडा के प्रयास से ही रांची विश्वविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की शुरुआत की गई थी
- वह वर्ष 1981 में रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के अध्यक्ष बने हैं
- 1986 में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति बने
- उन्होंने द The Jharkhand Movement Retrospect and Prospect नामक आलेख लिखा।
- फिल्मकार मेघनाथ के द्वारा रामदयाल मुंडा के जीवन पर आधारित एक वृत्तचित्र(Documentary film) “नाची से बाँची” बनाई गई.
- फिल्मकार मेघनाथ उन्हें झारखंड का टैगोर मानते हैं।डा. राम दयाल मुंडा झारखंड के रवींद्रनाथ टैगोर थे।
- वे दो भाषाओं नागपुरी और मुंडारी में गीत लिखते थे।
- पहिल पिरितिया उनका प्रसिद्ध गीत है
- डॉ रामदयाल मुंडा के जीवन पर प्रथम शोध 2018 में “डॉ रामदयाल मुंडा : व्यक्तित्व एवं कृतित्व” विषय पर शोध डॉ शांति नाग के द्वारा किया गया
- रामदयाल मुंडा भारत सरकार द्वारा गठित झारखंड विषयक समिति ,1989 के सदस्य भी रहे हैं
- डॉ रामदयाल मुंडा झारखंड से राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले प्रथम व्यक्ति हैं
- श्री मुंडा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा वर्ष 2010 में सांस्कृतिक योगदान हेतु पदम श्री सम्मान से सम्मानित किया गया है
- डॉ रामदयाल मुंडा की रचनाएं-आदि धर्म,मुंडारी कोठारी