- राजाराम (1689-1700 ई.) – उसने एक नया पद ‘प्रतिनिधि’ का गठन किया और पहला प्रतिनिधि प्रह्लाद निराजी को बनाया।
- मुगलों के आक्रमण के डर से राजाराम इधर-उधर भागता रहा। इसलिये उसे कभी सिंहासन पर न बैठने वाला शासक कहा गया।
- उसने 8 वर्ष तक जिंजी (अर्काट) के किले में शरण ले रखी थी।
- राजाराम ने ‘सरंजाम’ प्रथा को पुनः शुरू कर दिया।
- राजाराम के पलायन का क्रम
- प्रतापगढ़ → पन्हाला → जिंजी → सतारा।