डॉ. वर्गीज कुरियन की जीवनी
Biography of Dr. Verghese Kurien
डॉ. वर्गीज कुरियन (1921-2012)
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जन्म – केरल के कोझिकोड में ,26 नवंबर, 1921 को हुआ था।
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मृत्यु – 9 September 2012
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“Father of the White Revolution”(“श्वेत क्रांति(दुग्ध) के जनक”)
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उन्होंने चेन्नई के लोयला कॉलेज से 1940 में विज्ञान में स्नातक किया
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उन्होंने चेन्नई के जी.सी. इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
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उन्होंने जमशेदपुर स्थित टिस्को कंपनी में काम किया
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बाद में डेयरी इंजीनियरिंग में अध्ययन करने के लिये भारत सरकार की ओर से छात्रवृत्ति मिलने के बाद उन्होंने बंगलूरू के ‘इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल हसबेंड्री एंड डेयरिंग’ में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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इसके बाद उन्होंने उत्तरी अमेरिका में स्थित मिशीगन स्टेट यूविर्सिटी से 1948 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की, जिसमें डेयरी इंजीनियरिंग भी एक विषय था।
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डॉ. वर्गीज कुरियन वर्ष 1948 में अमेरिका से वापस भारत आकर सरकार के डेयरी विभाग में शामिल हो गए।
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मई 1949 में उन्हें गुजरात के आनंद में सरकारी अनुसंधान क्रीमरी में डेयरी इंजीनियर के रूप में तैनात किया गया और आगे 1965 में वे ‘राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड’ के संस्थापक अध्यक्ष बने।
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1960 के आखिरी दशक में डॉ. कुरियन ने ‘ऑपरेशन फ्लड’ के नाम से एक परियोजना की शुरुआत की, जिसके द्वारा दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई
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1979 मेंखाद्य तेलों के व्यवसाय को बढ़ाने के लिये ‘धारा’ नामक परियोजना लॉन्च की।
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डॉ. वर्गीज कुरियन ने 1979 में आनंद में, ‘इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल मैनेजमेंट (इरमा) की स्थापना की।
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1988 में भारतीय सहकारी डेयरी महासंघ का पुनर्गठन तथा 1994 में विद्या डेयरी स्थापित करने में मदद की।
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डॉ. वर्गीज कुरियन को उनके अतुलनीय कार्य के लिये मिले सम्मान
- रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (1964)
- पद्मश्री (1965)
- पद्मभूषण (1966)
- Padma Vibhushan (1999)
- World Food Prize (1989)
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डॉ. वर्गीज कुरियन द्वारा लिखे प्रमुख पुस्तकें:
- आई टू हैड अ ड्रीम
- द मैन हु मेड द एलीफैंट डांस (ऑडियो बुक)
- एन अनफिनिश्ड ड्रीम