UNESCO विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल भारत के सात दस्तावेज़ी धरोहर Seven Documentary Heritage of India

 UNESCO विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल भारत के  सात दस्तावेज़ी धरोहर  

Seven Documentary Heritage of India 

included in the UNESCO Memory of the World Register

विश्व स्मृति रजिस्टर (Memory of the World Register )

  • विश्व के दस्तावेज़ी धरोहर के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से यूनेस्को द्वारा‘विश्व की स्मृति कार्यक्रम’ की शुरुआत 1992 में की गई

  • विश्व की स्मृति कार्यक्रम का उद्देश्य 

    • दस्तावेज़ों का प्राकृतिक क्षरण करना 
    • दस्तावेज़ों को चोरी से बचाना 
    • जानबूझ कर नष्ट किये जाने से बचाना 
    • अवैध व्यापार से संरक्षण 
  • 1995 में ‘विश्व स्मृति रजिस्टर’ यूनेस्को द्वारा निर्मित किया गया

  • विश्व स्मृति रजिस्टरकी देख-रेख 14 सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय परामर्श समिति द्वारा की जाती है। 

  • समिति यूनेस्को महानिदेशक द्वारा नियुक्त किया जाता है 

  • इस समिति की सिफारिश पर 1997 में पहली बार 38 दस्तावेज़ी धरोहरों को ‘विश्व स्मृति  रजिस्टर’ में सम्मिलित किया गया।

  • विश्व की स्मृति रजिस्टर में शामिल योग्य दस्तावेज 

    • पांडुलिपियाँ
    • मौखिक परंपराएँ
    • ऑडियो विजुअल दस्तावेज़
    • पुस्तकालय व अभिलेखागारों में संगृहीत दस्तावेज़ों को
  • भारत की सात दस्तावेज़ी धरोहरों को विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल किया गया है

  1. डच ईस्ट इंडिया कंपनी के अभिलेख

  2. विमलप्रभा

  3. ऋग्वेद

  4. पुदुच्चेरी में संगृहीत शैव पांडुलिपि

  5. शांतिनाथ

  6. तारीख-ए-खानदान-ए-तैमूरिया

  7. द आई.ए.एस. (द इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज) में संगृहीत तमिल चिकित्सा पांडुलिपि

डच ईस्ट इंडिया कंपनी के अभिलेख 

  • डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1602 ई. में हुई थी। 

  • 2003 में इसे भारत सरकार द्वारा विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल करने की अनुशंसा की गई।

विमलप्रभा

  • ये हस्तलिपियाँ है जिनमे तंत्रों के अतिरिक्त खगोलशास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र से संबंधित जानकारी हैं। 

  • इन्हें 2011 ई. में विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल करने की अनुशंसा की गई।

ऋग्वेद 

  • वेद 4 हैं, जिसमें सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद की रचना काव्य रूप में की गई है। 

  • भारत द्वारा 2007 में इसे विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल करने की अनुशंसा की गई। 

पुदुच्चेरी में संगृहीत शैव पांडुलिपि 

  • यह 11 हज़ार हस्तलिपियों का संग्रह है जो हिंदू देवता शिव की पूजा से संबंधित है। 

  • वर्तमान में यह संग्रह पुदुच्चेरी में प्रसिद्ध अनुसंधान संस्थान ‘फ्रेंच इंस्टीट्यूशंस ऑफ रिसर्च’ में सुरक्षित है। 

  • भारत द्वारा इसे 2005 ई. में विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल करने की अनुशंसा की गई।

शांतिनाथ

  • यह देवनागरी लिपि में लिखित संस्कृत भाषा का पाठ है। 

  • इसमें  16वें जैन तीर्थंकरशांतिनाथ के जीवन तथा समय का वर्णन है। 

  • इसकी रचना 14वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में की गई है। 

  • भारत द्वारा इसे विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल करने की अनुशंसा 2013 में की गई। 

तारीख-ए-खानदान-ए-तैमूरिया

  • इस पुस्तक में ईरान तथा भारत में तैमूर और उसके उत्तराधिकारियों के इतिहास का वर्णन है। 

  • इन हस्तलिपियों की रचना अकबर के शासनकाल के दौरान हुई। 

  • 2011 में इसे भारत द्वारा विश्व स्मृति रजिस्टर में शामिल करने की सिफारिश की गई। 

द आई.ए.एस. (द इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज) में संगृहीत तमिल चिकित्सा पांडुलिपि 

  • भारत द्वारा 1997 ई. में इन पांडुलिपि को  विश्व स्मति रजिस्टर में शामिल करने की सिफारिश की गई।

भारत की सात दस्तावेज़ी धरोहर

नामित वर्ष 

द आई.ए.एस. (द इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज) 

में संगृहीत तमिल चिकित्सा पांडुलिपि

1997

डच ईस्ट इंडिया कंपनी के अभिलेख

2003

पुदुच्चेरी में संगृहीत शैव पांडुलिपि

2005

ऋग्वेद

2007

विमलप्रभा

2011

तारीख-ए-खानदान-ए-तैमूरिया

2011

शांतिनाथ

2013