झारखण्ड की परिवहन प्रणाली Transport system of jharkhand : SARKARI LIBRARY

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झारखण्ड की परिवहन प्रणाली

सामान्य परिचय 

  • झारखण्ड राज्य में 60% माल की ढुलाई तथा 85 प्रतिशत यात्रियों की ढुलाई सड़क परिवहन के माध्यम से की जाती है। 

  • राज्य में राजकीय राजमार्गों व सड़कों के विकास एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 2015 ई. में झारखण्ड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण (State Highways Authority of Jharkhand – SHAI) का गठन किया गया है। 

  • झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार झारखण्ड राज्य में सड़क घनत्व (प्रति 1000 वर्ग किमी. पर सड़क की लंबाई) 159.78 किमी. है, जिसे 2025 तक 250 किमी. करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्तर पर सड़क घनत्व 385.78 किमी. प्रति 1000 वर्ग किमी. है। 

  • झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार झारखण्ड राज्य में जनसंख्या व वाहन का अनुपात 100:1 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह अनुपात 83:1 है।

परिवहन प्रणाली

  1. सड़क परिवहन

  2. रेल परिवहन

  3. वायु परिवहन

1. सड़क परिवहन

 (a) राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway – NH) 

  • एक से अधिक राज्यों को जोड़ने अथवा एक ही राज्य के अत्यंत महत्वपूर्ण मार्गों को जोड़ने वाले मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिया जाता है। 

  • राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए सड़कों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है तथा केन्द्र द्वारा सहमत होने पर इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया जाता है।

  •  राष्ट्रीय राजमार्ग के रखरखाव का खर्च केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है। 

  • झारखण्ड राज्य में कुल 33 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,400 किमी. है।

(Source- Jharkhand Economic Survey 2019-20)

  • झारखण्ड का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 33 है जिसकी लंबाई 333.50 किमी. है। इसे झारखण्ड की जीवन रेखा कहा जाता है।

  •  झारखण्ड में सर्वाधिक जिलों से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग NH 33 है जो 6 जिलों से होकर गुजरती हैं ।

  • NH 32 एवं NH 33 सीमावर्ती राज्यों के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने वाले राजमार्ग हैं।

  •  NH 33 एवं NH 100 का विस्तार पूर्णत: झारखण्ड में ही स्थित है।

(b) राजकीय राजमार्ग (State Highway – SH)

  • राज्य की राजधानी को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कें राजकीय राजमार्ग कहलाती हैं। 

  • राजकीय राजमार्गो का देखरेख राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। 

  • झारखण्ड में राजकीय राजमार्ग की कुल लंबाई 1232 किमी. है। 

(Source – Jharkhand Economic Survey 2019-20)

झारखण्ड में प्रमुख राजकीय राजमार्ग (SH) मार्ग 

  1. राँची-अनगड़ा-गौतमधारा-सिल्ली-मुरी 

  2. राँची-कांके-पतरातू-भुरकुंडा-रामगढ़ 

  3. तमाड़-अरकी-बूंटी-बसिया-कोलेबिरा 

  4. कोलेबिरा-बानो-गुआ-जामदा-नोआमुंडी-गम्हरिया 

  5. आदित्यपुर-कमडझरा-सरायकेला-खईबासा 

  6. जमशेदपुर-हाता-राजनगर-चाईबासा 

  7. हजारीबाग-बड़कागांव-टंडवा-ऑगर-मोर 

  8. कुडू-लोहरदगा-गुमला 

  9. भुसार-महुआडांड़-पलामू-हरिहरगंज-बालूमाथ 

  10. मेदनीनगर-लेस्लीगंज-हरिहरगंज-बालूमाथ 

  11.  गढ़वा-रंका-रामानुजगंज

  12. धनबाद-पाथरडीह-चंदनकियारी-चास 

  13. कोडरमा-जमुआ-टुंडी-गोविंदपुर 

  14. डुमरी-गिरिडीह-टुंडी-मधुपुर

  15. देवघर-जामताडा-रूपनारायणपर 

  16. देवघर-सरैयावट-गोड्डा-पथगांवा-महागामा-पीरपैंती 

  17. हंसडीहा-लाकड़ा-पहाड़ी-दुमका रोड-रामपुरवट 

  18. दुमका-काठीकुंड-गोपीकांदर-अमरापाड़ा-बरहेट-साहेबगंज 

(c) अन्तर्राष्ट्रीय राजमार्ग (International Highway) 

  1. एशिया तथा सुदूर पूर्व आर्थिक सहयोग (ECAFE) द्वारा प्रस्तावित 63,500 किमी. लंबा अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग झारखण्ड राज्य के बरही से भी गुजरेगा। 

  2. भारत में इस राजमार्ग की लंबाई 2,680 किमी. प्रस्तावित है जो अमृतसर, दिल्ली, आगरा, कानपुर, कोलकाता से ढाका को तथा आगरा, ग्वालियर, हैदराबाद, बंगलौर, धनुषकोडी एवं बरही (झारखण्ड) को काठमांडू से जोड़ेगा। 

  3. यह अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग एशियाई राजमार्ग को यूरोपीय अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ेगा तथा यह सिंगापुर, थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान एवं तुर्की से होकर गुजरेगा।

झारखण्ड में सड़क मार्ग का वर्गीकरण

वर्गीकरण

लंबाई (किमी. में) 

राष्ट्रीय राजमार्ग

3,400.0 

राजकीय राजमार्ग

1,231.9 

जिला सड़कें

4,845.7 

अन्य RCD सड़कें

6658.0

कुल

16135.6

2. रेल परिवहन 

  • झारखण्ड में रेलमार्ग की कुल लंबाई 2,394 किमी. है।

  • झारखण्ड में सबसे पहले 1862 ई. में कलकत्ता से राजमहल तक रेलवे लाइन का निर्माण किया गया। 

  • राज्य में 1907 ई. में पुरुलिया-राँची रेल मार्ग की शुरूआत हुयी तथा 1911 ई. में राँची-लोहरदगा रेल लाइन का निर्माण किया गया। 

  • झारखण्ड में दो रेलवे जोन हैं 

  1. पूर्व-मध्य रेलवे (East-Central Railway) ECR 

  2. दक्षिण-पूर्वी रेलवे (South Eastern Railway) SER

  • दक्षिण पूर्व रेलवे का नाम बंगाल-नागपुर रेलवे है। 

  • पूर्व-मध्य रेलवे का मुख्यालय हाजीपुर तथा दक्षिण-पूर्वी रेलवे का मुख्यालय कोलकाता है। 

  • झारखण्ड में तीन रेल मंडल 

    • धनबाद (5 नवंबर, 1951 को गठित) 

    • राँची (1 अप्रैल, 2003 को गठित) 

    • चक्रधरपुर (14 अप्रैल, 1952 को गठित) हैं। 

  • धनबाद मंडल पूर्व मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत तथा राँची व चक्रधरपुर दक्षिण पूर्वी रेलवे जोन के अंतर्गत शामिल है।

जोन

मुख्यालय

मंडल

पूर्व-मध्य रेलवे

हाजीपुर

  1. धनबाद

दक्षिण-पूर्वी रेलवे

कोलकाता

  1. राँची

  2. चक्रधरपुर

  • राजस्व प्राप्ति के आधार पर ‘धनबाद’ झारखण्ड का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। 

  • राज्य में रेल पथों का सर्वाधिक घना विस्तार दामोदर घाटी और स्वर्णरेखा घाटी क्षेत्र में है, जबकि पलामू का पाट क्षेत्र, ऊपरी दामोदर घाटी क्षेत्र, हजारीबाग का ऊँचा-नीचा पठार और राजमहल पहाड़ी क्षेत्र रेल रहित हैं। 

  • वर्तमान समय में जमशेदपुर में कंटेनर टर्मिनल का डिपो स्थित है तथा राँची में केन्द्रीय रेलवे विद्युतीकरण संगठन की शाखा स्थित है।

  •  झारखण्ड राज्य में प्रस्तावित रेल परियोजना निम्न हैं:

रेल परियोजना

लंबाई

कोडरमा-गिरिडीह

111 किमी

कोडरमा-हजारीबाग-राँची

203 किमी

देवघर-दुमका-रामपुरहाट

124 किमी. 

लोहरदगा-राँची (टोरी सहित)

113 किमी. 

कोडरमा – तिलैया

14 किमी.

  • झारखण्ड राज्य में रेल परियोजनाओं में तेजी लाने हेतु ‘झारखण्ड सेन्ट्रल रेलवे लिमिटेड’ (JCRL) कंपनी का गठन किया गया है। Jharkhand Central Railway Limited was incorporated on 31.08.2015. The Jharkhand Central Railway Limited has undertaken to develop the coal corridors of Jharkhand State through JV/SPV as per MoU signed on 28th May’2015 between GoJ, CCL and IRCON to form JCRL (JV) having equity participation 10%, 64%, and 26% respectively followed by project execution agreement between IRCON and JCRL (JV) on 28th May, 2016..इस कंपनी के द्वारा ‘शिवपुर-कठौलिया’ रेल परियोजना का विकास किया जाना है जिसके लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य किया जा रहा है। 

  • Jharkhand Rail Infrastructure Development Corporation Limited (JRIDCL) is a Joint Venture Company incorporated between the Ministry of Railways (MOR-49%) and Government of Jharkhand (GOJ-51%) to develop the Rail Infrastructure for capacity enhancement in the State of Jharkhand.JHARKHAND RAIL INFRASTRUCTURE DEVELOPMENT CORPORATION LIMITED is a Public incorporated on 06-07-2018.

  • राज्य में नयी रेल परियोजनाओं के विकास हेतु राज्य सरकार व रेल मंत्रालय के बीच समझौता किया गया है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार व रेल मंत्रालय की रेल परियोजनाओं के विकास में भागीदारी 51:49 के अनुपात में होगी। दोनों के द्वारा ‘झारखण्ड रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड’ नामक संयक्त उपक्रम का गठन किया गया है। इस संयुक्त उपक्रम के द्वारा निम्न रेल परियोजनाओं का विकास किया जाना है

1. नामकुम – कांड्रा 

2. गिरिडीह – पारसनाथ – मधुबन 

3. टोरी – चतरा 

4. चतरा – बासुकीनाथ

5. गोड्डा – पाकुड़ 

3. वायु परिवहन 

  •  झारखण्ड में सबसे पहले 1941 ई. में राँची में हवाई अड्डा का निर्माण किया गया। 
  • राँची स्थित हवाई अड्डा का नाम बिरसा मुण्डा हवाई अड्डा है, जो राज्य का एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
  •  राज्य में अन्य हवाई अड्डे जमशेदपुर (सोनारी हवाई अड्डा), धनबाद, बोकारो, दुमका (सिद्धो-कान्हो हवाई अड्डा व मैथन (मैथन हवाई अड्डा) में उपलब्ध हैं। 
  • राँची तथा जमशेदपुर में उड्डयन तथा ग्लाइडिंग की सुविधा पहले से ही उपलब्ध थी। 
  • दुमका तथा धनबाद में राज्य सरकार ने नये ग्लाइडिंग सेंटर की स्थापना की है तथा गिरिडीह व बोकारो में ग्लाइडिंग सेंटर विकसित किया जा रहा है। 
  • राज्य सरकार द्वारा देवघर में 300 करोड़ की लागत से हवाई अड्डे के निर्माण की योजना तैयार की गयी है।इसमें से 50 करोड़ का वहन राज्य सरकार द्वारा, 200 करोड़ DRDO द्वारा तथा शेष 50 करोड़ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण(AAI) द्वारा किया जायेगा
  • राज्य सरकार द्वारा दुमका में व्यवसायिक पायलट लाइसेंस प्रशिक्षण अकादमी की शुरूआत करने की योजना बनायी गयी है। इसे आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर पीपीपी मॉडल पर शुरू किया जाएगा। 
  • केन्द्र सरकार के रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत झारखण्ड के दुमका तथा बोकारो का चयन किया गया है। 
  • झारखण्ड में पहली बार जमशेदपुर के सोनारी हवाई अड्डे पर विमान उतारा गया था। 

अन्य तथ्य

  • झारखण्ड राज्य में राँची-बोकारो को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने हेतु आगामी वित्तीय वर्ष में पीपीपी मोड पर योजना का प्रारंभ किया जाएगा। 
  • राज्य सरकार द्वारा एक औद्योगिक कॉरिडोर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जिसके तहत जमशेदपुर, धनबाद एवं राँची को जोड़ने हेतु 6 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर गोल्डेन ट्रायंगल स्थापित किया जाना है। 
  • झारखण्ड के मात्र 44 प्रतिशत गाँव पक्की सड़कों से जुड़े हैं।

 

झारखण्ड की संचार व्यवस्था

  • डाक व्यवस्था
  • आकाशवानी प्रसारण व्यवस्था
  • दूरदर्शन व्यवस्था

1. डाक व्यवस्था 

  • वर्ष 2001 में झारखण्ड राज्य में झारखण्ड डाक सर्किल की स्थापना की गई है। यह बिहार डाक सर्किल के अंतर्गत कार्यरत है।
  •  पिनकोड प्रणाली में झारखण्ड राज्य के लिए प्रथम अंक के रूप में 8 का प्रयोग किया जाता है।
  • झारखण्ड में डाकघरों की कुल संख्या 3094 है। 
  • Pin (Postal Index Number)
  • 6 digit Postal Index Number (PIN) Code introduced  on 15 August 1972.

2. आकाशवाणी प्रसारण व्यवस्था

  •  झारखण्ड में प्रसारण का मुख्य साधन आकाशवाणी केन्द्र है जिसके माध्यम से स्थानीय एवं प्रादेशिक कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है। 
  • राज्य का प्रमुख आकाशवाणी केन्द्र राँची है जो उच्च शक्ति ट्रांसमिशन क्षमता से युक्त है।
  • राज्य के अन्य आकाशवाणी केन्द्र चाईबासा, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग तथा मेदिनीनगर हैं जो निम्न शक्ति ट्रांसमिशन क्षमता से युक्त हैं।
  •  झारखण्ड में ऑल इंडिया रेडियो के 13 स्टेशन हैं। ये केन्द्र राँची, जमशेदपुर, हजारीबाग, मेदिनीनगर, गढ़वा, गुमला, चाईबासा, चतरा, बोकारो, धनबाद, देवघर, घाटशिला तथा गिरिडीह में हैं।
  • Ranchi University will launch its own Community Radio Station — RADIO KHANCHI 90.4 FM Aap Sabka Radio

 3. दूरदर्शन व्यवस्था 

  • राज्य में सर्वप्रथम राँची में छठी पंचवर्षीय योजना के दौरान 1974 ई. में दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना की गई थी। 
  • वर्ष 1983 में राष्ट्रीय उपग्रह – 1बी (INSAT – 1B) के प्रक्षेपित किये जाने के बाद दूरदर्शन कार्यक्रम के सीधे प्रसारण हेतु धनबाद, दुमका, देवघर, बोकारो, जमशेदपुर तथा हजारीबाग में लघु शक्ति वाले ट्रांसमीटर केन्द्र स्थापित किये गये हैं। 
  • राज्य में उच्च शक्ति ट्रांसमीटर केन्द्र की स्थापना मेदिनीनगर (डाल्टनगंज) में भी की गई है। 

4. अन्य तथ्य 

  • झारखण्ड राज्य में 2005-06 में झारनेट (झारखण्ड स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) की स्थापना की गयी थी। यह राज्य के सभी जिलों में उपलब्ध है। 
  • झारखण्ड राज्य में ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के संचालन हेतु एक स्वायत्त संस्था के रूप में ‘झारखण्ड एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (जैप-आईटी) का गठन 29 मार्च, 2004 को किया गया है। 
  • राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा इसरो के सहयोग से 2003 में झारखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र (JSAC) का गठन किया गया है।
  •  इसका प्रमुख उद्देश्य राज्य के प्राकृतिक संसाधनों के आकलन व मानचित्रीकरण, सुदूर संवेदन आदि हेतु अंतरिक्ष तकनीक का प्रयोग करना है।