• सुषमा असुर : आदिम जनजाति की पहली कवयित्री – नेतरहाट के सखुआपानी की रहनेवाली सुषमा असुर आदिम जनजाति की पहली कवयित्री हैं. अब तक इनके कविता संग्रह की तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. एक पुस्तक’ असुर सिरिंग‘ के नाम से है. दो अन्य पुस्तकें भी हैं.
  • एक और कविता संग्रह तथा एक असुर संस्कृति पर भी पुस्तक आनेवाली है. इन्होंने दिल्ली और रांची में प्रतिष्ठित साहित्य सम्मेलनों में मंच साझा किया है. स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की है. अब इग्नू से एमए कर रही है.
  • सुषमा 2008-09 से कविता लेखन कर रही हैं. इनकी कविताओं में असुर आदिम जनजाति और संस्कृति का बिब बहुत खूबसूरती और सहजता के साथ उभरता है. सुषमा नेतरहाट में चलनेवाले असुर रेडियो की टीम को भी लीड कर रही हैं.

सुषमा असुर आदिम जनजाति की पहली कवयित्री

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