सरायकेला-खरसावां (Seraikela-Kharsawan)
- स्थापना – 30 अप्रैल, 2001
- (पश्चिमी सिंहभूम जिला से अलग कर)
- सरायकेला राजवंश के संस्थापक – विक्रम सिंह
- खरसावां राजवंश के संस्थापक- पदम् सिंह
- मुख्यालय – सरायकेला
- प्रमंडल – KOLHAN प्रमंडल
- अनुमंडल – (02)
- सरायकेला – 4 प्रखंड
- चांडिल – 4 प्रखंड
- प्रखंड – 9 “©www.sarkarilibrary.in”
- विधानसभा क्षेत्र – 3
- सरायकेला – ST
- खरसावां – – ST
- ईचागढ़
- लोक सभा क्षेत्र – 3 लोक सभा क्षेत्र
- शहरी निकाय
- आदित्यपुर नगर निगम
- नगर परिषद् के रूप में स्थापना – 1963
- कपाली नगर परिषद्
- सरायकेला नगर पंचायत
- आदित्यपुर नगर निगम
- प्रमुख नदी – स्वर्णरेखा, खरकई ,करकरी, संजय
- प्रमुख व्यक्तित्व
- सुधेन्दु नारायण सिंह
- रघुनाथ महतो
- प्रमुख जलप्रपात/झील /गर्मजलकुण्ड/डैम
- 1.चांडिल डैम
- २.कसीदा डैम
- पालना डैम
- सीतारामपुर डैम
- शैक्षणिक संस्थान
- वन्य जीव अभ्यारण
- दलमा आश्रयणी ,चांडिल
- ईचागढ़ पक्षी विहार
- प्रमुख मंदिर – “©www.sarkarilibrary.in”
- पौड़ी मंदिर
- चौड़ी मंदिर
- सरायकेला दुर्गा मंदिर
- राज शिव महल मंदिर
- जगन्नाथपुर मंदिर
- शिव जायदा मंदिर
- मां आकर्षिनी देवी मंदिर
- भीमखंदा मंदिर
- मून बाबा मंदिर
- जारगो देवस्थल
- प्रमुख किले
- सरायकेला महल
- अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल –
- शीशमहल ऑडिटोरियम
- दलमा टॉप
- छऊ नृत्य कला केंद्र
- नीमडीह आर्ट एवं क्राफ्ट ग्राम
- सहीद पार्क खरसावां
- सिद्धू कान्हू पार्क
- गीतिलता में रोजो संक्रांति
- बॉर्डर “©www.sarkarilibrary.in”
- उड़ीसा – मयूरभंज
- बंगाल – पुरुलिया
- झारखंड के 4 जिले – पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, रांची और खूंटी जिला
सरायकेला-खरसावां का जनांकिकीय विशेषता (जनगणना 2011 के अनुसार )
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-
- क्षेत्रफल – 2,657 वर्ग किमी.
- जनसंख्या – 10,65,056
- जनसंख्या घनत्व – 401
- दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर – 25.47%
- लिंगानुपात – 956
- साक्षरता दर – 67.70 %
सरायकेला-खरसावां का प्रशासनिक विशेषता
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- अनुमंडल – 2
- सराईकेला अनुमंडल के ब्लॉक – 4 ब्लॉक
- सरायकेला
- खरसावां
- गम्हरिया (आदित्यपुर)
- राजनगर (गोविंदपुर)
- चांडिल अनुमंडल के ब्लॉक – 4 ब्लॉक
- चांडिल
- इचागढ़
- नीमडीह
- कुकडू
- सराईकेला अनुमंडल के ब्लॉक – 4 ब्लॉक
- ब्लॉक/Block- 8
प्रमुख उद्योग – आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र
- सरायकेला पावर प्रोजेक्ट (कोहिनूर-Abhijeet Group)
- टाटा रौलर्स लिमिटेड
- उषा मार्टिन
- हिन्दुस्तान पेट्रोलियम बॉटलिंग प्लांट
- टिस्को ग्रोथ शॉप
- पत्थर उद्योग
- सरायकेला ग्लास वर्क्स प्रा.लि
- बिहार स्पंज आयरन (चांडिल)
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- सरायकेला-खरसावां वर्तमान के पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के तत्कालीन राजा सिंहदेव परिवार की राजधानी हुआ करती थी।
- 1620 ई. में कुमार बिक्रम सिंह प्रथम जो जगन्नाथ सिंह की उपाधि धारण करने वाले तीसरे राजा थे उन्होंने सरायकेला रियासत की नींव रखी।
- पहले सरायकेला की जगह साले गुटु नाम का जंगल था।
- सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल नामक स्थान पर स्वर्णरेखा नदी पर चांडिल डैम का निर्माण किया गया है।
- चांडिल डैम के निकट स्थित म्यूजियम में 2000 वर्षों से अधिक पुराने शिलालेख मौजूद हैं।
- जायदा मंदिर भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर है तथा यहाँ प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति और टुसू पर्व के मौके पर मेले का आयोजन किया जाता है।
- भीमखंदा एक ऐतिहासिक स्थल है जहाँ महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास किया।
- सरायकेला संगीत और नृत्य के पारखी लोगों के लिए “मक्का” बन गया है।
- यहाँ विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य का गढ़ है।
- सरायकेला की धरती को छऊ कला की जन्मभूमि होने का गौरव हासिल है।
- छऊ का अर्थ होता है मुखौटा इसीलिए इसमें मुखौटों का प्रयोग होता है।
- छऊ नृत्य का सर्वप्रथम विदेश में प्रदर्शन सरायकेला के राजकुमार सुधेन्दु नारायण सिंह द्वारा 1938 ई. में किया गया था।
- सरायकेला जिला में दुगूनी स्थित तीरंदाजी एकेडमी और खरसांवा स्थित तीरंदाजी का अर्जुन स्टेडियम हैं।
- सरायकेला टाउन खरकई नदी के तट पर स्थित है।
- जिले में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल है जो एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में से एक है।
- सरायकेला – राजनगर को जोड़ने वाली सड़क पर तितिरबिल्ला पुल, इचागढ़ में टिकर नदी पर पुल, शाखा नदी पर सेतु जिले के विकासशील कदमों की रूपरेखा तैयार करता है।
- आजादी के समय उड़ीसा में मिलाने के विरोध में 1 जनवरी 1948 को उड़ीसा पुलिस ने गोलियां चलाकर कई लोगों को मार डाला था।
Subdivision
- No. of Subdivisions : 2
- Name of Subdivision : Seraikella , Chandil
- No. of Circles : 9
- No. of Blocks : 9
- No. of Panchayats : 132
- No. of Villages : 1148
बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड /Bihar Sponge Iron Limited (BSIL) सोर्स – लिंक
- बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड (बीएसआईएल) भारत का पहला मर्चेंट स्पंज आयरन प्लांट है।
- यह संयंत्र जमशेदपुर, झारखंड से 30 किलोमीटर दूर सरायकेला खरसावां जिले के उमेश नगर, चांडिल में स्थित है।
- यह ,क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध स्वदेशी लौह अयस्क और गैर-कोकिंग कोयले से डायरेक्ट रिड्यूस आयरन ( स्पंज आयरन) का उत्पादन करता है।
- स्पंज आयरन का उपयोग इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस और इंडक्शन फर्नेस में स्टील बनाने, स्वदेशी और आयातित स्क्रैप को बदलने और पूरक करने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
- कंपनी को निम्न संस्थाओ के तकनीकी सहयोग से संयुक्त क्षेत्र में बढ़ावा दिया गया था।
- Bihar State Industrial Development Corp. Ltd. (BSIDC),
- मोदी ग्रुप(Modi Group)
- German Investment and Development Company (DEG)
- International Finance Corporation (Washington) in technical collaboration with Lurgi Metallurgy GmbH, Germany
- The plant is based on Lurgi’s SL/RN (coal based) process
- इस विशाल परियोजना का कार्यान्वयन जून 1986 में शुरू हुआ
- उस समय परियोजना की लागत $90M थी और आंशिक रूप से IFC(World Bank Group) वाशिंगटन द्वारा वित्त पोषित थी।
- संयंत्र ने जुलाई 1989 में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया।
- बीएसआईएल ने “भारत में सबसे कुशल कोयला आधारित संयंत्र” की मान्यता भी हासिल की है।
- सरायकेला ग्लास वर्क्स लिमिटेड 06 जुलाई 1983 को निगमित एक सार्वजनिक है।
- इसे गैर-सरकारी कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया है और यह रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, कोलकाता में पंजीकृत है।