अक्षरी या वर्तनी
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वर्तनी का सम्बन्ध उच्चारण से होता है।
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प्रायः व्याकरण संबंधी नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण लोग अशुद्ध बोलते और लिखते हैं।
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भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की वर्तनी समिति’ ने 1962 ई. में उपयोगी और सर्वमान्य नियम बनाया हैं। जिसका प्रयोग हिन्दी में हो रहा है।
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लिखने की विधि को ‘वर्तनी या अक्षरी कहा जाता है।
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इसे हिज्जे (Spelling) भी कहते हैं।
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वर्तनी संबधी अशुद्धियाँ जो लिखने या उच्चारण के क्रम में होती है: उन शब्दों की तालिका इस प्रकार है
अशुद्ध शुद्ध
अकास – आकाश
अहार – आहार
अरथ – अर्थ
अयसा –
अस्थान – स्थान
अहिल्या – अहल्या
अनाधिकार – अनधिकार
अन्तर्दृन्द – अन्तर्द्वन्द्व
अगामी – आगामी
अन्ताक्षरी – अन्त्याक्षरी
अनिष्ठ – अनष्ट
अघोस – अषोष
अतिथी – अतिथि
अदम्भ – अदम्य
अनुदित – अनूदित
अनुसाशन – अनुशासन
अनुष्टान – अनष्ठान
अद्भुद – अद्भुत
अस्तीत्व – अस्तित्व
अपस्य – अपश्य
अनुशरण – अनुसरण
अहयवसाई – अहयवसायी
अध्यातिमक – अध्यात्मिक
अपभ्रंस – अपभ्रंश
अनुग्रहित – अनुग्रहीत
अन्नय – अनन्य
अलौकिक – अलौकिक
अभिमन्नु – अभिमन्यु
अध्यन – अध्ययन
अनसन – अनशन