झारखण्ड में धार्मिक आंदोलन 6ठी सदी ई.पू. में जैन एवं बौद्ध धर्म आंदोलन हुए जैन सभ्यता व संस्कृति का केन्द्र छोटानागपुर का मानभूम ( धनबाद) था। इस क्षेत्र के प्रमुख जैन स्थल थे : पकबीरा, तुइसामा, देवली, पवनपुर, पलमा, अरशा, चर्रा, गोलमारा, बड़म, बलरामपुर, कर्रा, परा, कतरास आदि ।  जैन ग्रंथों में महावीर के यात्रा ‘लोरे-ए-यदगा‘ का उल्लेख  है जिसका अर्थ मुंडारी में ‘आंसुओं  की नदी’ होता है। जैन धर्म के अवशेष कंसाई और दामोदर नदियों की घाटी से मिले हैं।  जैन धर्म के अवशेष पलामू के हनुमांड गाँव (सतबरवा के निकट) से  मिले हैं।  सिंहभूम के आरंभिक निवासी जैन मतावलंबी थे, जिन्हें ‘सरक‘ कहा जाता था। सरक गृहस्थ जैन मतावलंबी को कहा जाता था। बाद में हो जनजाति के लोगों ने इन्हें सिंहभूम से निकाल बाहर किया।  पारसनाथ पहाड़ी झारखंड की सबसे ऊंची चोटी (1365 मी / 4478 फीट) जिला- गिरिडीह  जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से […]

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झारखण्ड में धार्मिक आंदोलन