राष्ट्रीय एकता भारत धर्म, भाषा, जाति, जनजाति, नस्ल, क्षेत्र आदि के रूप में एक विस्तृत विभिन्नता वाला देश है। अतः देश के विकास एवं संपन्नता के लिए राष्ट्रीय एकता अत्यंत आवश्यक हो जाती है। “राष्ट्रीय एकता का अर्थ है- देश को विभाजित और विघ्न उत्पन्न करने वाले आंदोलनों को नकारना तथा समाज में राष्ट्रीय एवं लोकहित धारणा फैलाना, जो संकीर्ण हितों से परे हो।”- मायरोन वेनर राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है। राष्ट्रीय एकता का मतलब ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना। राष्ट्रीय एकता में अवरोध राष्ट्रीय एकता में निम्न बड़े अवरोध शामिल हैं: 1. क्षेत्रवाद 2. सम्पदायिकता 3. जातिवाद 4. भाषावाद 1. क्षेत्रवाद क्षेत्रवाद का […]