विद्रोह/आन्दोलन का नाम | समय/काल | क्षेत्र | नेता/नेतृत्वकर्ता |
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संन्यासी विद्रोह | 1763-1800 | बंगाल, उत्तरी बिहार | मझनू शाह, चिराग अली, देवी चौधुरानी |
फकीर विद्रोह | 1776-1777 | बंगाल | मझनू शाह, चिराग अली, मुसा शाह |
पहाड़िया विद्रोह | 1778 | राजमहल की पहाड़ियाँ, झारखंड | राजा जयन्तिया |
चुआर विद्रोह | 1766-1772, 1795-1816 | मिदनापुर, बंगाल | दुर्जन सिंह |
चेरो विद्रोह | 1770-1800 | बिहार, झारखंड | रघुनाथ महतो |
पॉलीगार विद्रोह | 1795-1805 | तमिलनाडु (तिननेवेली, रामनाथपुरम आदि) | वीर पांडिया कट्टाबोम्मन, ओमाइयुरी |
वेलुथम्पी (वेलाटम्पी) विद्रोह | 1805, 1808-09 | केरल (त्रावणकोर) | वेलुथम्पी दलवा |
भील विद्रोह | 1817-1819, 1913 | खानदेश, धार, महाराष्ट्र, गुजरात | सेवरम, नायकों के नेतृत्व में |
रामोसी विद्रोह | 1822, 1825-26 | सतारा, पुणे, महाराष्ट्र | चित्तू सिंह, उमाजी नायक |
पागलपंथी विद्रोह | 1825-1833, 1839-50 | शेरपुर, मयमनसिंह (अब बांग्लादेश) | टीपू शाह, दूधू मियाँ (फरायजी से जुड़े) |
अहोम विद्रोह | 1828-1833 | असम | गोमधर कुँवर, पियाली बरुआ |
बहावी आन्दोलन | 1831-1867 | बंगाल, उत्तर पश्चिमी सीमा प्रांत | सैयद अहमद बरेलवी, तीतू मीर (बंगाल) |
कोल विद्रोह | 1831-1832 | छोटा नागपुर, झारखंड | बुद्धो भगत |
भूमिज विद्रोह | 1832-1833 | मानभूम, झारखंड, बंगाल | गंगा नारायण सिंह |
खासी विद्रोह | 1829-1833 | खासी पहाड़ियाँ, मेघालय | तीरथ सिंह, बरमानिक |
कंध विद्रोह | 1846, 1855, 1914, 1960s | उड़ीसा (कोरापुट, कालाहांडी) | चक्र बिसोई |
फरायजी आन्दोलन | 1838-1857 | बंगाल, फरीदपुर | हाजी शरीयतुल्लाह, दूधू मियाँ |
नील विद्रोह (नील आन्दोलन) | 1859-1860 | बंगाल (नदिया, जेस्सोर) | दिगम्बर विश्वास, बिश्नु चरण बिस्वास |
संथाल विद्रोह (हूल) | 1855-1856 | संथाल परगना, झारखंड/बिहार | सिद्धू, कान्हू, चाँद, भैरव |
मुंडा विद्रोह (उलगुलान) | 1899-1900 | राँची, झारखंड | बिरसा मुंडा |
पाइक विद्रोह | 1817 | उड़ीसा | बक्शी जगबंधु विद्याधर |
नील आन्दोलन | 1917-1918 | बिहार (चंपारण) | महात्मा गांधी, राजकुमार शुक्ल |
पाबना विद्रोह | 1873-1885 | बंगाल (पाबना जिला) | ईशान चंद्र राय, केशब चंद्र राय |
दक्कन विद्रोह | 1875 | महाराष्ट्र (पूना, अहमदनगर) | वासुदेव बलवंत फड़के |
मोपला विद्रोह | 1921 | मालाबार, केरल | वरियंकुन्नाथ कुन्हम्मद हाजी, अली मुसलियार |
कूका आन्दोलन | 1840-1872 | पंजाब | भगत जवाहर मल (सतगुरु राम सिंह) |
रंपा विद्रोह | 1879-1880 | आंध्र प्रदेश (विशाखापत्तनम एजेंसी) | अल्लूरी सीताराम राजू |
ताना भगत आन्दोलन | 1914-1920 | झारखंड, बिहार | जतरा भगत, सीताराम भगत |
तेभागा आन्दोलन | 1946-1947 | बंगाल | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), किसान सभा |
तेलंगाना आन्दोलन | 1946-1951 | हैदराबाद, तेलंगाना | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) |
1. संन्यासी विद्रोह (Sanyasi Rebellion)
- काल: 1763-1800 ई.
- क्षेत्र: बंगाल (मुख्यतः मुर्शिदाबाद, रंगपुर)
- कारण: बंगाल में अकाल, ईस्ट इंडिया कंपनी का आर्थिक शोषण, धार्मिक स्थलों पर जाने पर प्रतिबंध।
- नेता: मझनू शाह, चिराग अली, भवानी पाठक, देवी चौधरानी।
- नोट: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास ‘आनंदमठ’ की पृष्ठभूमि।
2. फकीर विद्रोह (Fakir Rebellion)
- काल: 1776-1777 ई.
- क्षेत्र: बंगाल।
- नेता: मझनू शाह, चिराग अली।
- नोट: संन्यासी विद्रोह के समानांतर चला; धार्मिक मुस्लिम फकीरों का विद्रोह।
3. पहाड़िया विद्रोह (Paharia Rebellion)
- काल: 1778 ई.
- क्षेत्र: राजमहल की पहाड़ियाँ (झारखंड/बिहार)।
- कारण: बाहरी लोगों (अंग्रेजों, जमींदारों) द्वारा उनके क्षेत्र में घुसपैठ और संसाधनों पर कब्जा।
4. चुआर विद्रोह (Chuar Rebellion)
- काल: 1766-1772, 1795-1816 ई.
- क्षेत्र: मिदनापुर, बांकुरा (बंगाल)।
- कारण: जमींदारी प्रथा और भूराजस्व नीतियों के कारण भूमि से बेदखली।
- नेता: दुर्जन सिंह।
5. चेरो विद्रोह (Chero Rebellion)
- काल: 1800-1830 के दशक
- क्षेत्र: बिहार (पालामू, सारंड) और झारखंड।
- कारण: अंग्रेजों द्वारा चेरो सरदारों की जमीन छीनना और भारी कर लगाना।
6. पॉलीगरों का विद्रोह (Polygar Rebellion)
- काल: 1799-1805 ई. (प्रमुख चरण)
- क्षेत्र: तमिलनाडु (मदुरै, रामनाथपुरम, etc.)
- कारण: अंग्रेजों द्वारा पॉलीगरों (स्थानीय सैन्य प्रमुखों) का कर (किस्त) वसूलने और उनकी शक्ति समाप्त करने का प्रयास।
- नेता: वीरपांडिया कट्टबोम्मन (मुख्य नेता), मरुदु पांडयार भाइयों ने भी योगदान दिया।
7. वेलुथम्पी विद्रोह (Velu Thampi Revolt)
- काल: 1808-1809 ई.
- क्षेत्र: त्रावणकोर (केरल)।
- कारण: ईस्ट इंडिया कंपनी के हस्तक्षेप और भारी करों के विरुद्ध।
- नेता: वेलुथम्पी दलवा (त्रावणकोर के दीवान)।
8. भील विद्रोह (Bhil Rebellion)
- काल: 1818-1848, 1913 ई.
- क्षेत्र: पश्चिमी घाट (महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान)।
- कारण: अंग्रेजी शासन, भू-राजस्व नीतियाँ और बाहरी लोगों का आक्रमण।
- नेता: सेवरम, नायकों के नेतृत्व में।
9. रामोसी विद्रोह (Ramosi Rebellion)
- काल: 1822-1829, 1879 ई.
- क्षेत्र: पश्चिमी घाट (सतारा, पुणे)।
- कारण: अंग्रेजों द्वारा पेशवाओं के पतन के बाद रामोसियों (सैनिक/रक्षक) की बेरोजगारी और अकाल।
- नेता: चित्तू सिंह, उमाजी नायक।
10. पागल पंथी विद्रोह (Pagal Panthi Rebellion)
- काल: 1825-1850 ई.
- क्षेत्र: मयमनसिंह (बंगाल, अब बांग्लादेश)।
- कारण: जमींदारों और अंग्रेजों द्वारा किसानों का शोषण।
- नेता: करम शाह और उनके बेटे टिपू शाह।
11. अहोम विद्रोह (Ahom Rebellion)
- काल: 1828-1833 ई.
- क्षेत्र: असम।
- कारण: यांडबू संधि (1826) के बाद अंग्रेजों द्वारा अहोम साम्राज्य को न अपनाना और उनके प्रति उपेक्षा।
- नेता: गोमधर कुनवर, पियाली बरुआ।
12. बहावी आन्दोलन (Wahabi Movement)
- काल: 1820s-1870s ई.
- क्षेत्र: पंजाब, उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत।
- कारण: सिखों और फिर अंग्रेजों के विरुद्ध धार्मिक और राजनीतिक सुधार का आन्दोलन।
- नेता: सैयद अहमद बरेलवी, शाह मोहम्मद इस्माइल।
- नोट: इसे भारत का पहला संगठित विद्रोह माना जाता है।
13. कोल आन्दोलन (Kol Rebellion)
- काल: 1831-1832 ई.
- क्षेत्र: छोटानागपुर (झारखंड)।
- कारण: कोल आदिवासियों पर बाहरी लोगों (दिकू) द्वारा अत्याचार और जमीन छीनना।
14. भूमिज विद्रोह (Bhumij Rebellion)
- काल: 1832-1833 ई.
- क्षेत्र: मिदनापुर, मानभूम (बंगाल/झारखंड)।
- कारण: नई भू-राजस्व नीतियाँ और जमींदारों का शोषण।
- नेता: गंगा नारायण।
15. खासी विद्रोह (Khasi Rebellion)
- काल: 1829-1833 ई.
- क्षेत्र: खासी पहाड़ियाँ (मेघालय/असम)।
- कारण: अंग्रेजों द्वारा खासी पहाड़ियों और असम को जोड़ने वाली सड़क बनाने के लिए बाहरी मजदूरों की भर्ती।
- नेता: तिरुत सिंह, बरमानिक।
16. कंध विद्रोह (Kandh Rebellion)
- काल: 1835-1856 ई.
- क्षेत्र: उड़ीसा के पहाड़ी क्षेत्र।
- कारण: अंग्रेजों द्वारा मानव बलि (मेरिया बलि) की प्रथा पर प्रतिबंध लगाना।
- नेता: चक्र बिसोई।
17. फरायजी आन्दोलन (Faraizi Movement)
- काल: 1818-1905 ई.
- क्षेत्र: बंगाल (बारीसाल, ढाका)।
- कारण: इस्लामिक सुधार और बंगाल के किसानों का जमींदारों व अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष।
- नेता: हाजी शरीयतुल्ला, दुदू मियाँ।
18. नील विद्रोह (Indigo Revolt / Nil Bidroha)
- काल: 1859-1860 ई.
- क्षेत्र: बंगाल (नदिया, जessore)।
- कारण: यूरोपीय नील बागान मालिकों (प्लांटर्स) द्वारा रैयतों (किसानों) का जबरन नील की खेती करने के लिए शोषण।
- नोट: दीनबंधु मित्र का नाटक ‘नील दर्पण’ इसी पर आधारित है।
19. संथाल विद्रोह (Santhal Rebellion)
- काल: 1855-1856 ई.
- क्षेत्र: संथाल परगना (झारखंड/बिहार)।
- कारण: महाजनों, जमींदारों और अंग्रेजी राज के विरुद्ध आदिवासी अत्याचार।
- नेता: सिदो, कान्हू, चाँद, भैरव।
- नोट: ‘हुल’ (क्रांति) के नाम से प्रसिद्ध।
20. मुंडा विद्रोह (Munda Rebellion)
- काल: 1899-1900 ई.
- क्षेत्र: छोटानागपुर (झारखंड)।
- कारण: जमीन पर मुंडाओं के पारंपरिक अधिकार (खूंटकट्टी) का हनन और बाहरी लोगों (दिकू) का शोषण।
- नेता: बिरसा मुंडा (भगवान बिरसा)।
- नारा: “अबुआ दिशुम अबुआ राज” (हमारा देश, हमारा राज)।
21. पाइक विद्रोह (Paika Rebellion)
- काल: 1817 ई.
- क्षेत्र: ओडिशा।
- कारण: अंग्रेजों की भू-राजस्व नीतियाँ, नमक के दाम बढ़ना, और पाइकों (पारंपरिक योद्धाओं) की बेरोजगारी।
- नेता: बक्शी जगबंधु विद्याधर।
- नोट: इसे भारत का ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ मानने की मांग की जाती है।
22. नील आन्दोलन (Neel Movement)
- नोट: यह ‘नील विद्रोह’ (Indigo Revolt) का ही दूसरा नाम है। (देखें पॉइंट 18)
23. पाबना विद्रोह (Pabna Rebellion)
- काल: 1873-1885 ई.
- क्षेत्र: पाबना (बंगाल, अब बांग्लादेश)।
- कारण: जमींदारों द्वारा किसानों से अवैध रूप से अधिक लगान (बेगारी, अबवाब) वसूलना।
- नोट: यह एक किसान विद्रोह था, जिसका लक्ष्य जमींदारी प्रथा को खत्म करना नहीं था।
24. दक्कन विद्रोह (Deccan Riots)
- काल: 1875 ई.
- क्षेत्र: पूना और अहमदनगर (महाराष्ट्र)।
- कारण: महाजनों द्वारा किसानों का बेहद ऊँची ब्याज दरों पर आर्थिक शोषण।
25. मोपला विद्रोह (Moplah Rebellion)
- काल: 1921 ई.
- क्षेत्र: मालाबार (केरल)।
- कारण: जमींदारों (हिंदू नायर/नंबूदिरी) द्वारा मोपला (मुस्लिम किसान) किरायेदारों का शोषण।
- नोट: यह खिलाफत आन्दोलन से भी प्रभावित था, लेकिन बाद में सांप्रदायिक रूप ले लिया।
26. कूका आन्दोलन (Kuka Movement)
- काल: 1840-1872 ई.
- क्षेत्र: पंजाब।
- कारण: सिख धर्म में सुधार और अंग्रेजी शासन, उनकी नीतियों एवं विदेशी वस्तुओं का विरोध।
- नेता: भगत जवाहरमल (सत्यानंद), बाबा राम सिंह।
- नोट: नामधारी आन्दोलन के नाम से भी जाना जाता है।
27. रंपा विद्रोह (Rampa Rebellion)
- काल: 1879-1880, 1922-1924 ई.
- क्षेत्र: आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले का रंपा क्षेत्र।
- कारण: आदिवासियों पर वन कानूनों का दमन और बाहरी लोगों का शोषण।
- नेता: अल्लूरी सीताराम राजू (1922 के विद्रोह का नेता)।
28. ताना भगत आन्दोलन (Tana Bhagat Movement)
- काल: 1914-1920 ई.
- क्षेत्र: छोटानागपुर (झारखंड)।
- कारण: आदिवासी सामाजिक-धार्मिक सुधार, जमींदारों और अंग्रेजों के विरुद्ध।
- नेता: जतरा भगत।
29. तेभागा आन्दोलन (Tebhaga Movement)
- काल: 1946-1947 ई.
- क्षेत्र: बंगाल।
- कारण: बटाईदार (बारगादार) किसानों द्वारा फसल का आधा हिस्सा (आधा नहीं, तेभागा यानी तीन-भाग) की मांग।
- नेता: बंगाल प्रांतीय किसान सभा (कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में)।
30. तेलंगाना आन्दोलन (Telangana Movement)
- काल: 1946-1951 ई.
- क्षेत्र: तेलंगाना (हैदराबाद रियासत)।
- कारण: हैदराबाद के निजाम और जमींदारों (देसमुखों) के विरुद्ध किसानों का सशस्त्र संघर्ष।
- नेता: आंध्र महासभा और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया।