जट-जटिन
- आयोजन – श्रावण से कार्तिक माह के बीचकुँवारी लड़कियों द्वारा
- वैवाहिक जीवन को दर्शाया जाता है।
भकुली-बंका
- आयोजन – श्रावण (सावन) से कार्तिक माह तक
- वैवाहिक जीवन को दर्शाया जाता है।
- भकुली का मतलब – पत्नी
- बंका का मतलब – पति
सामा-चकेवा
- आयोजन – कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी से पूर्णमासी तक
- सामा – नाट्य के नायिका को
- चकेवा – नायक को
- चूड़क/चुगला- खलनायक को
- साम्ब- सामा के भाई को
- यह सामूहिक गीत है।
- प्रश्नोत्तर माध्यम से विषय-वस्तु को प्रस्तुत किया जाता है।
- यह भाई-बहन के पवित्र प्रेम से संबंधित लोकनाट्य है।
डोमकच
- यह स्त्रियों द्वारा विशेष अवसरों (जैसे – विवाह आदि) पर आयोजित घरेलू लोक नाट्य है।
- इसमें हास-परिहास, अश्लील हाव-भाव व संवाद का प्रदर्शन किया जाता है।
- इस लोकनाट्य का सामूहिक प्रदर्शन नहीं किया जाता है।
- पुरुषों को देखने की मनाही होती है।
- इसका आयोजन विवाह एवं अन्य अवसरों पर रात भर किया जाता है।
किरतनिया
- इसमें भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन गायन के द्वारा किया जाता है।