khortha (खोरठा ) For JSSC JPSC
KHORTHA (खोरठा ) PAPER-2 FOR JSSC
खोरठा साहित्य की अन्य विद्याएँ: संस्मरण
Sansmaran KHORTHA FOR JSSC JPSC
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संस्मरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, सम् + स्मरण।
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इसका अर्थ सम्यक् स्मरण अर्थात् किसी घटना, किसी व्यक्ति अथवा वस्तु का स्मृति के आधार पर कलात्मक वर्णन करना संस्मरण कहलाता है।
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इसमें स्वयं की अपेक्षा उस वस्तु की घटना का अधिक महत्व होता है जिसके विषय मे लेखक संस्मरण लिख रहा होता हैं।
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संस्मरण की सभी घटनाएं सत्यता पर ही आधारित होती हैं। इसमें लेखक कल्पना का अधिक प्रयोग नही करता है।
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लेखक के स्मृति पटल पर अंकित किसी विशेष व्यक्ति के जीवन की कूछ घटनाओं का रोचक विवरण संस्मरण कहलाता है।
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इसमें लेखक उसी का वर्णन करता है जो उसने स्वयं देखा या अनुभव किया हो।
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इसका विवरण सर्वथा प्रामाणिक होता है।
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संस्मरण लेखक जब अपने विषय मे लिखता है तो उसकी रचना आत्मकथा के निकट होती है और जब दूसरे के विषय मे लिखता है तो जीवनी के।
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अत: स्पष्ट है कि संस्मरण किसी व्यक्ति विशेष के जीवन की घटनाओं का रोचक ढंग से प्रस्तुत विवरण संस्मरण कहलाता है,
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वर्णन प्रत्यक्ष घटनाओं पर आधारित होता हैं।
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खोरठा गईद पईद संग्रह(इंटरमीडिएट की पुस्तक) में दो संस्मरण दिया हुआ है
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बोरवा अड्डाक अखय बोर
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उइड़ गेलक फुलवा रहइ गइल बास
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अधिकांश संस्मरण खोरठा की प्रसिद्ध पत्रिका लुआठी में छपा है।
लुआठी पत्रिका में छपे संस्मरण
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हंसमुख लोक कवि तितकी राय
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लेखक-जनार्दन गोस्वामी व्यथित
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प्रकाशन वर्ष-2001
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लुआठी, अंक-7
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मने परे आवल खेड़ाक अधपुरवा जातरा
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लेखक -पंचम महतो
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प्रकाशन वर्ष-2004
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लुआठी अंक-15
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उजड़ल खोंधा
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लेखक-जनार्दन गोस्वामी व्यथित,
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प्रकाशन वर्ष-2007
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लुआठी, अंक-18
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खोरठा सहितेक पुरोधा : पानुरी जी,
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लेखक-विश्वनाथ दसौंधी राज
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प्रकाशन वर्ष-2002
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लुआठी, पानुरी विशेषांक।
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कम्युनिष्ट विचारधारक लोक पानुरी जी
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लेखक-शिवनाथ प्रमाणिक,
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प्रकाशन वर्ष-2002
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लुआठी, पानुरी विशेषांक।
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बिसुनपुरेक दुर्गा पूजा (उजड़ल खोंधा)
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लेखक-जनार्दन गोस्वामी व्यथित
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प्रकाशन वर्ष-2009
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लुआठी, अंक-1
SARKARI LIBRARY
AUTHOR : MANANJAY MAHATO