6. कवर जनजाति
- कौरवों के वंशज
- प्रजाति संबंध प्रोटो-आस्ट्रेलायड समूह
- भाषा – कवराती (कवरासी) या सादरी
- झारखण्ड की 31वीं जनजाति (8 जनवरी, 2003 में शामिल )
- निवास – पलामू, गुमला व सिमडेगा जिले
- पितृसत्तात्मक परिवार
- कुल 7 गोत्र पाए जाते हैं
- प्रह्लाद, अभिआर्य, शुकदेव, तुण्डक, वशिष्ठ, विश्वामित्र व पराशर
- इनका समाज बहिर्विवाही होता है।
कुटमैती प्रथा
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- अपने वंश या गोत्र के बाहर की कन्या से विवाह प्रथा को
- इस जनजाति में चार प्रकार के विवाह प्रचलित हैं
- क्रय विवाह सर्वाधिक प्रचलित
- सेवा विवाह
- ढुकू विवाह
- जिया विवाह
- वधु मूल्य – सुकदाम कहा जाता है।
- जातीय पंचायत का प्रधान – सयाना
- ग्राम पंचायत का संचालन – प्रधान या पटेल करता है।
- पर्व / त्यौहार – करम, तीज, जयाखानी, हरेली, पितर-पूजा आदि
- प्रमुख पेशा – कृषि
- सरना धर्म के अनुयायी
- सर्वोच्च देवता – भगवान (सूर्य का प्रतिरूप)
- ग्राम देवता – खूट देवता
- गांव का पुजारी – पाहन या बैगा कहलाता है।