JPSC MAINS PAPER 6 SYLLABUS And Notes

प्रश्न पत्र 6 : सामान्य विज्ञान, पर्यावरण और तकनीकी विकास

समय: 3 घंटे ; कुल अंक: 200

सामान्य विज्ञान, पर्यावरण और तकनीकी विकास के प्रश्न पत्र में छह खंड शामिल होंगे। खंड एक में बहुविकल्पीय प्रकार के बीस प्रश्न होंगे जिनमें से प्रत्येक दो अंक का होगा। इस खंड के सभी प्रश्नों को पाँचों समूहों के पाठ्यक्रम से लिया जाएगा।

प्रश्न पत्र के खंड दो, तीन, चार, पाँच और छह में से प्रत्येक में दो वैकल्पिक प्रश्न होंगे जिन्हें पाठ्यक्रम के समूह समूह 1, 2, 3, 4 और 5 से लिया जाएगा। इनमे से अभ्यर्थियों को प्रत्येक समूह से केवल एक प्रश्न का उत्तर देना है जो की बत्तीस अंक का होगा। वैकल्पिक प्रश्नों को परंपरागत तरीके (विवरणात्मक, दीर्घ उत्तरीय) तरीके से लिखना होगा। इनकी शब्द सीमा 500 से 600 शब्द है। अतः इस प्रकार अभ्यर्थियों को एक अनिवार्य बहुविकल्पीय प्रकार का प्रश्न (40 अंक) तथा 5 दीर्घ उत्तरीय वैकल्पिक प्रश्नों (प्रत्येक 32 अंक) का उत्तर देना होगा।

Section Questions Marks Attempt
Que 1 20 MCQ 40 Marks (20 *2) All 20 MCQ
Que 2 2 Descriptive 32 Marks (32 *1) Only 1 Out 0f 2
Que 3 2 Descriptive 32 Marks (32 *1) Only 1 Out 0f 2
Que 4 2 Descriptive 32 Marks (32 *1) Only 1 Out 0f 2
Que 5 2 Descriptive 32 Marks (32 *1) Only 1 Out 0f 2
Que 6 2 Descriptive 32 Marks (32 *1) Only 1 Out 0f 2

समूह (1) भौतिक विज्ञान

  • (i) मानकों की पद्धति: MKS, CGS, SIT
  • (ii) चाल, वेग, गुरुत्व, द्रव्यमान, भार, बल, आघात, कार्य शक्ति और ऊर्जा की परिभाषाएँ ।
  • (iii) सौरमंडल, सूर्य तथा अन्य ग्रहों के सापेक्ष पृथ्वी की स्थिति, सौरमंडल में पृथ्वी और चंद्रमा की गति, चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण
  • (iv) ध्वनि की अवधारणा और स्वभाव, तरंग दैर्ध्य और आवृत्ति, इन्फ्रासोनिक और अल्ट्रासोनिक ध्वनि, प्रकृति में इन्फ्रासोनिक ध्वनि के स्रोत, अल्ट्रासोनिक ध्वनि की विशेषताएँ और कुछ अनुप्रयोग।

समूह ( 2 ) – जीवन विज्ञान

  • (i) जीवित विश्व, कोशिकीय संरचना और इसके कार्य, जीवों में विविधता।
  • (ii) जैव अणु- कार्बोहाईड्रेट की संरचना और कार्य, प्रोटीन और वसा, विटामिन और इसकी कमी से होने वाले रोग, एंजाइम, हॉर्मोन – पौंधों के हॉर्मोन और वृद्धि नियामक जीवों के हॉर्मोन और उनके कार्य
  • (iii) कोशिकीय प्रजनन- कोशिकीय चक्र, समसूत्री और अर्धसूत्री विभाजन।
  • (iv) वंशानुक्रम- एकल संकरण तथा द्वि-संकरण, लिंग से जुड़े हुए वंशानुक्रम, लिंग निर्धारण, डीएनए की संरचना और कार्य, डीएनए प्रकृति, प्रोटीन संश्लेषण, जीन नियमन, विभेदन के आणविक आधार ।
  • (v) मानव के क्रमिक विकास को शामिल करते हुए पृथ्वी पर जीवन के विकास के सिद्धांत।

समूह ( 3 ) – कृषि विज्ञान

  • (i) झारखण्ड के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्र, वृष्टि के तरीके तथा प्रत्येक क्षेत्र में पड़ने वाले अजैविक दबाव (ii) वर्षा पोषित कृषि राज्य के परम्परागत खाद्य और बागवानी फसलें, जलवायु परिवर्तन के समय खाद्यान्न के लिये फसलों का विविधिकरण तथा इसके साथ ही पोषण सुरक्षा, वर्षा जल कृषि और झारखंड में कृषि को सुधारने में इसकी भूमिका, मत्स्य कृषि
  • (iii) झारखण्ड में मृदा उत्पादकता की स्थिति- मृदा की उत्पादकता में सुधार हेतु वर्मी कम्पोस्ट और फार्म यार्ड मेन्यूर (FYM) के अनुप्रयोग, नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणुः उनके अनुप्रयोग और जैविक कृषि की अवधारणा ।
  • (iv) कृषि वनीकरण की अवधारणा, बंजर भूमि तथा उन्हें कृषि योग बनाने हेतु साधन ।
  • (v) राज्य के किसानों के लाभ हेतु सरकार की योजनाएँ।

समूह (4)- पर्यावरणीय विज्ञान

  • पारिस्थितिकी तंत्र की अवधारणा, पारिस्थितिकीय तंत्र की संरचना और कार्य, प्राकृतिक संसाधन नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय संसाधन, पर्यावरणीय संरक्षण-स्वस्थाने और परस्थाने संरक्षण, प्रदूषण वायु, जल, ध्वनि और मृदा, ठोस कचरा प्रबंधन, जैव-विविधता: अवधारणा, हॉटस्पॉट, जैव-विविधता के खतरे, वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दे: जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापन, ओज़ोन परत का ह्रास, अम्ल वर्ष, मरुस्थलीकरण; पर्यावरणीय कानून-पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, वायु (रोकथाम और प्रदूषण पर नियंत्रण) अधिनियम, जल (रोकथाम और प्रदूषण पर नियंत्रण) अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम।

समूह (5) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय नीति, देश की ऊर्जा मांग, ऊर्जा के परंपरागत और गैर-परंपरागत स्रोत, नाभिकीय ऊर्जा: इसके लाभ तथा हानियाँ, नाभिकीय नीति की और झुकाव, एनपीटी और सीटीबीटी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी- भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, विभिन्न उद्देश्यों हेतु उपग्रहों के अनुप्रयोग, भारतीय मिसाइल कार्यक्रम; दूरसंवेदी: जीआईएस और मौसम की भविष्यवाणी, आपदा की चेतावनी, जल, मृदा व खनिज संसाधनों के मानचित्रण में इसके अनुप्रयोग; कृषि, जीवधारियों के प्रजनन, औषधि, खाद्य तकनीक और पर्यावरणीय संरक्षण में जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग; जैव प्रौद्योगिकीय व्यवधानों के सम्भावित प्रतिकूल प्रभाव; सूचना प्रौद्योगिकी: कंप्यूटर तथा आंकड़ों की प्रोसेसिंग में इनका अनुप्रयोग, डेटा प्रोग्राम, साइबर अपराध और साइबर कानून।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतिः मलेरिया, कुष्ठ रोग, ट्यूबरक्लोसिस, एड्स, अंधापन की रोकथाम और इनके नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम |