भारतीय मरुस्थल (Indian Desert)
- 25 सेमी. वार्षिक वर्षा या उससे कम वर्षा वाले क्षेत्र को मरुस्थल की श्रेणी में रखा जाता है।
- भारत में अरावली पहाड़ियों के उत्तर-पश्चिम तथा पश्चिमी किनारे पर बालू के टिब्बों से ढंका एक तरंगित मरुस्थलीय मैदान है, जिसे ‘थार मरुस्थल‘ कहा जाता है।
- थार के मरुस्थल का अधिकांश भाग राजस्थान में स्थित है परंतु कुछ भाग पंजाब, हरियाणा एवं गुजरात प्रांत में भी फैला हुआ है।
- विश्व के मरुस्थलीय क्षेत्रों में सर्वाधिक जन घनत्व ‘थार के मरुस्थल’ में ही पाया जाता है।
- ढाल के आधार पर थार के मरुस्थल को मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता है-
- (i) उत्तरी भाग, जिसका ढाल पाकिस्तान के सिंध प्रांत की ओर है
- (ii) दक्षिणी भाग, जिसका ढाल कच्छ के रन की ओर है।
- कच्छ के रन को ‘सफेद मरुस्थल‘ भी कहा जाता है। यह क्षेत्र नमकीन दलदल से निर्मित है जो हजारों वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इस क्षेत्र की अधिकांश नदियों में केवल वर्षा के मौसम में ही जल पाया जाता है। अधिकांश नदियाँ अंतः स्थलीय प्रवाह प्रतिरूप का उदाहरण है। लूनी इस क्षेत्र की प्रमुख नदी है।
- इस क्षेत्र की भू-गर्भिक चट्टानी संरचना, प्रायद्वीपीय पठार का ही विस्तार है किंतु यहाँ की धरातलीय स्थलाकृतियाँ भौतिक अपक्षय एवं पवनों द्वारा निर्मित होती हैं, जैसे-रेत के टीले, बरखान, छत्रक आदि।
- पाकिस्तान में स्थित थार मरुस्थल का भाग चोलीस्तान(Rohi) मरुस्थल के नाम से जाना जाता है
- भारत का ‘शीत मरुस्थल’ लद्दाख को कहा जाता है।
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चोलीस्तान(Rohi) मरुस्थल, भारत का ‘शीत मरुस्थल’