हो विद्रोह (1820-1821)/ HO VIDROH
- ‘हो देशम’- होजनजाति के लोगों का निवास स्थान
- हो देशम पर कभी भी मुगलों या मराठों का प्रभाव स्थापित नहीं हो सका।
- हो जनजाति राजा को नियमित कर का भुगतान भी नहीं करते थे।
- विद्रोह शुरू – हो जनजाति के लोगों ने ,1820 ई. में
- पोरहाट के राजा व अंग्रेजों के विरूद्ध
- युद्ध – 1820 में, रोरो नदी के किनारे ,चाईबासा
- पोरहाट के राजा – जगन्नाथ सिंह
- अंग्रेज का नेतृत्व – मेजर रफसेज (1820 में)
- अंग्रेज का नेतृत्व – कर्नल रिचर्ड (1821 में)
- परिणाम –
- ‘हो देशम’ के उत्तरी क्षेत्र के लोग- कर देना स्वीकार लिया,
- ‘हो देशम’ के दक्षिणी भाग के लोग – कर देने से मना कर दिया
- 1821 में कर्नल रिचर्ड के नेतृत्व में
- हो लोगों द्वारा अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार
- वार्षिक कर – आठ आना प्रति हल
- 1821 में कर्नल रिचर्ड के नेतृत्व में
- बाद में हो जनजाति ने 1831-32 के कोल विद्रोह में हिस्सा लिया।