बोकारो विधानसभा क्षेत्र का इतिहास

  • बोकारो विधानसभा क्षेत्र 1977 में अस्तित्व में आया। पहली बार इसी साल बोकारो विधानसभा के नाम से चुनाव हुआ। जिले में सबसे अधिक महिला वोटर बोकारो विधानसभा क्षेत्र में है। लेकिन, आजतक एक बार भी महिला उम्मीदवार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व  नहीं कर सकी। जबकि, 1977 से अब तक 10 महिलाओं को बोकारो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मौका मिला है। राष्ट्रीय दल ने सिर्फ एक बार महिला को उम्मीदवार बनाया।
  • वर्तमान में बोकारो विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या 2,75,487 है।
  • बोकारो विधानसभा क्षेत्र से 1977 में पहली महिला बसंती देवी निर्दलीय चुनाव लड़ी थी । चुनाव में उन्हें कुल 207 वोट मिले।
  • इसके बाद 1980 और 1985 में किसी महिला ने चुनाव नहीं लड़ा।
  • 1990 में मुमताज खान निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरी। लेकिन, उन्हें  भी लोगों का समर्थन नहीं मिला। मुमताज खान को सिर्फ 202 वोट मिले।
  • 1995 में कोई महिला चुनाव नहीं लड़ी।
  • 2000 और 2005 के चुनाव में एक महिला, जबकि 2009 और 2014 के चुनाव में दो- दो महिला चुनावी मैदान में उतरी। लेकिन, किसी को  जनता के साथ नहीं मिला।
  • अब तक 10 महिलाओं ने आजमायी किस्मत, सिर्फ एक की बची ज़मानत
  • गायत्री देवी सबसे अधिक तीन बार लड़ी : चास निवासिनी गायत्री देवी ने बोकारो विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक बार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमायी। 2000 में गायत्री देवी को 522 वोट (निर्दलीय), 2005 में 890 वोट (एसपी) और 2009 में 673 वोट (निर्दलीय) प्राप्त हुआ। इसके बाद गायत्री देवी चुनावी रण में नहीं उतरी।
  • श्वेता सिंह ने पहले ही चुनाव में छाप छोड़ा : 2019 के विधानसभा चुनाव में पहली बार राष्ट्रीय दल ने महिला उम्मीदवार पर विचार जताया। कांग्रेस ने समरेश सिंह की पुत्र वधु  श्वेता सिंह को उम्मीदवार बनाया, लेकिन श्वेता सिंह को   99020 वोट मिले, जबकि मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी बिरंची नारायण जीते।