- रामशरण विश्वकर्मा (हास्य-व्यंग्य कवि) उपनाम – ‘मास्टर साहब‘ , काका हाथरसी
- रामशरण विश्वकर्मा जनम – 15 अगस्त 1940 , भेंडरा गाँव (गिरिडीह)
- माता – जसोदा
- पिता – हरलालजी
- रचनाकार – खोरठा , हिन्दी
- एखन डुमरी अंचल के रामनगर स्कूलें मास्टरी कर हथ ।
हाँसिक जोगाड़
तोहनी ई खभइर सुनले होबा जरूर
एगो बड़का सेठ आइ के थाना , करे लागल काँदना ।
हामर देसे गुंडा नाइँ! जकरा बनइबइ ‘बोडीगार्ड’ !
दरोगा कहलक सिपाही से जउ हिन्दे हुँदै , चाइर गो गुंडा लान, जंदे मिलतो तंदे!
काहे ले काँदा हा बाबा! कि हामर देसे गुँडा नाइँ ?
सिपाही गेलक खोजे ले कासी, परियाग , तावो नाइँ पइलक एको गो गुँड़ा !
सिपाही कहलक ए बाप! ए माँइ ! , किरियो खाइ ले हामर देसे गुँडा नाइँ!
जते हला बड़-बड़ गुँडा , एम. एल. ए., सांसद बइन गेला!
जते हला छोट-छोट गुँडा मुखिया-सरपंच बइन गेला!