खाद्य और पोषण सुरक्षा हेतु सरकारी नीतियाँ

खाद्य और पोषण सुरक्षा सरकारों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है, और इसे समाधान के लिए कई नीतियाँ बनाई जाती हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सरकारी नीतियाँ हैं जो खाद्य और पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अभियान चला रही हैं:

  1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act, NFSA): यह अधिनियम12 सितंबर, 2013 को भारत की संसद ने पारित किया था और इसका उद्देश्य है भारत में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना। NFSA के तहत, केंद्र और राज्य सरकारें गरीब और माध्यम वर्ग के लोगों को सस्ते अनाज और खाद्यान्न प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदार हैं। इसका मकसद देश के करीब दो-तिहाई लोगों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न मुहैया कराना है. इस अधिनियम के तहत, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System -TPDS ) के ज़रिए 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को रियायती खाद्यान्न मिल सकता है. 
  2. अंत्योदय अन्न योजना (Antyodaya Anna Yojana): इस योजना के अंतर्गत, गरीबी की सबसे अधिक प्रभावित वर्ग को सस्ता खाद्यान्न प्रदान किया जाता है। अंत्योदय अन्न योजना (AAY) भारत सरकार की एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना है. इसे 25 दिसंबर, 2000 को खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने शुरू किया था. इस योजना का मकसद लोगों को खाद्य सुरक्षा देना है. इस योजना के तहत, लाभार्थी गेहूं 2 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद सकते हैं. सभी पात्र परिवारों को हर महीने 35 किलो राशन जिसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल शामिल है मिलता है।. इस योजना के तहत आने वाले परिवार राशन की दुकानों से 1 किलो चीनी 18.50 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद सकते हैं. 
  3. मिड-डे मील योजना (Mid-Day Meal Scheme): यह योजना भारत के स्कूलों में शिक्षार्थियों को स्कूल में खाने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे उनकी पोषण स्तर की सुरक्षा की जा सके। मध्याह्न भोजन योजना (MDMS-Mid Day Meal Scheme) भारत सरकार की एक योजना है जिसके तहत देश के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को दोपहर का भोजन मुफ़्त में दिया जाता है. इस योजना को साल 2001 में शुरू किया गया था और तमिलनाडु ने इसे सबसे पहले लागू किया था. इस योजना के तहत, हर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय के हर बच्चे को कम से कम 200 दिनों के लिए दोपहर का भोजन दिया जाता है. इस भोजन में हर दिन 8-12 ग्राम प्रोटीन और कम से कम 300 कैलोरी होनी चाहिए. 
  4. पोषण अभियान (Poshan Abhiyaan): पोषण अभियान नीति आयोग की राष्ट्रीय पोषण रणनीति द्वारा समर्थित है, जिसका उद्देश्य 2022 तक “कुपोषण मुक्त भारत” या कुपोषण मुक्त भारत प्राप्त करना है। पोषण अभियान का लक्ष्य महत्वपूर्ण आंगनवाड़ी सेवाओं के बेहतर उपयोग और आंगनवाड़ी सेवाओं के वितरण को बढ़ाकर भारत के सबसे अधिक कुपोषण वाले जिलों में स्टंटिंग को कम करना है। यह अभियान भारत में पोषण से संबंधित संज्ञान और समर्थन को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को सुधारना है।
  5. स्वास्थ्य और पोषण संरक्षण अभियान (Health and Nutrition Protection Campaign): यह अभियान अपने क्षेत्र में मातृ और शिशु स्वास्थ्य के लिए जागरूकता बढ़ाने और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है।

इन नीतियों के माध्यम से, सरकारें खाद्य और पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही हैं, ताकि हर व्यक्ति को स्वस्थ और पूरा पोषण प्राप्त हो सके।