13. गोंड जनजाति
- भारत की दूसरी सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति (पहली – भील ,2011 सेन्सस )
- मूल निवास – मध्य प्रदेश व गोंडवाना क्षेत्र
- झारखण्ड में मुख्य निवास क्षेत्र – गुमला तथा सिमडेगा
- प्रजातीय संबंध – द्रविड़ समूह
- जनजाति की भाषा – गोंडी है
- बोलचाल में सादरी-नागपुरी का प्रयोग
- यह जनजाति निम्न तीन वर्गों में विभाजित है
- राजगोंड – अभिजात्य वर्ग
- धुरगोंड– सामान्य वर्ग
- कमिया-खेतिहर मजदूर
- भाई बंद – संयुक्त परिवार को
- भाई बिरादरी – संयुक्त परिवार के विस्तृत रूप(समाज )
- पितृसत्तात्मक समाज
- युवागृह – गोटुल/घोटुल कहा जाता है।
- प्रमुख पर्व – फरसा पेन, मतिया, बूढ़देव, करमा, सोहराय, सरहुल, जीतिया
- प्रमुख पेशा – कृषि
- झूम खेती को दीपा या बेवार कहा जाता है।
- प्रमुख देवता – ठाकुर देव (अन्य नाम – बुढ़ा देव) ,ठाकुर देई
- ठाकुर देव – सूर्य के प्रतीक
- ठाकुर देई – धरती के प्रतीक
- ‘परसापन’ – कुल देवता
- ‘फरदंग‘ – कुल देवता की पूजा करने वाले व्यक्ति
- पुजारी को बैगा कहा जाता है
- मति – बैगा का सहायक
- ‘मसना’ – शवों के दफनाने का स्थान