एक पथिया डोंगल महुआ (Ek pathiya dongal mahuwa – Khortha Book)

  • Post author:
  • Post category:Blog / KHORTHA iBOOK
  • Reading time:57 mins read

 एक पथिया डोंगल महुआ (सकलन / संपादक – संतोष कुमार महतो) से – प्रथम दस (10) कविताएँ।

एक पथिया डोंगल महुआ

(Ek Pathiya Dongal Mahuwa – Khortha Book)

SUBSCRIBE OUR New Youtube Channel   @Sarkarilibraryofficial

एक पथिया डोंगल महुआ 

(सकलन / संपादक – संतोष कुमार महतो) से – प्रथम दस (10) कविताएँ।

 संतोष कुमार महतो  

  • जन्म – 2 सितंबर 1930, गांगजोड़ी गांव, बोकारो 
  • Death – 24 नवम्बर 2013
  • पिता का नाम – तालो महतो
  • माता का नाम – छुटमणि देवी 
  • उपनाम – सन्तु 
  • शिक्षा-  
    • एम.ए (भूगोल विषय) से 1956/57  में हुआ 
  • उन्होंने  डी.वी.सी उच्च विद्यालय चंद्रपुरा में सहायक प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य किए हैं 
    • सेवानिवृत्त : 2 sept 1990

“©www.sarkarilibrary.in”

कृतियाँ 

  • एक मउनी फूल (काव्य संकलन-31 कविता ) –  1986 / 1988 / 2003 
  • एक पथिया डोंगल महुआ(सं. काव्य संगरह-41 कविता ) – 1990 /2005 
    • हमनी सब एक 
    • आगू करब आपन देश
  • एखनेक जिनगानी (कविता )
    • इस कविता में भूतकाल के सुख और वर्तमान काल के दुख का वर्णन किया गया है 
    • इसी में झारखंड की हरी भरी धरती में कारखानों के खुलने से यहां का हवा पानी मलिन हो गई है उसके बारे में भी वर्णन किया गया है
  • पथिया – छोटी टोकरी 
  • डोंगल = यहाँ-वहाँ से चुन लिए गए
  • महुआ – महुआ फूल

“©www.sarkarilibrary.in”

खोरठा शब्दों के प्रतीकात्मक अर्थ 

  • पथिया – छोटी पुस्तिका का प्रतीक है। 
  • डोंगल – यहाँ, वहाँ से चुन कर ली गई 
  • महुआ – कविताओं का प्रतीक है।

“©www.sarkarilibrary.in”

  • पुस्तक का प्रकार – कविताओं का संकलन/  संग्रह
  • सम्पादन/ संकलनकर्ता /जोहड़वइया/डोंगवइया – श्री संतोष महतो
  • प्रकाशन वर्ष – 
    • प्रथम संस्करण 1990 ई.,
    • द्वितीय संस्करण- 2005 ई.
  • प्रकाशक – राममधन प्रकाशन
  • मुद्रक – छोटानागपुर प्रेस ,चास बोकारो 
  • भूमिका लेखक – डॉ. दयानंद बटोही, सम्पादक, नई लहर, बोकारो
  • दु टूक बात – श्री संतोष महतो
  • संकलित कविताओं की संख्या47
 “©www.sarkarilibrary.in”
 

कविताओं के नाम

रचनाकार

 

1

हामनि सब एक

श्री निवास पानुरी

Read

2

आगू करब आपन देश श्री सुकुमार

Read

3

जय जवान जय किसान श्री महेश गोलवार

Read

4

आइझ एकाइ खोरठा

ए. के. झा

Read

5

तबे हामें कबि नाचे

ए. के. झा

Read

6

महुअआक मानेता अतुल चन्द्र मुखर्जी

Read

7

रूसल भोला संतोष कुमार महतो

Read

8

मेढ़ आर मानुस शिवनाथ प्रमाणिक

Read

9

देसेक जुआन

विनोद कुमार

Read

10

ढेंसा ढेंसी छोड़ पारसनाथ महतो

Read

11

छोट मगर नागपुर शिवनंदन पांडे ‘गरीब’

Read

12

उ बिहान कखनो तो अवतइ कैलाश महतो

Read

13

रघुनंदनेक जीवन दिसा एस. के. महतो

Read

14

 चासा शांति भारत

Read

15

कखन हतक भोर

श्री प्रदीप कुमार

Read

16

छुनुमुनुनुनी हमर वंशीलाल वंशी

Read

17

राजनेतिक बैसाखी गिरिधारी गोस्वामी

Read

18

चाँदेक देस फटीक चन्द्र झा

Read

19

ढढनच श्री सुकुमार

Read

20

 भीख दुइरी दिहा प्यारे हुसैन प्यारे

Read

21

घूस गजाधर महतो ‘प्रभाकर’

Read

22

कोयला चार री सचिन कुमार महतो

Read

23

झारेक माटि श्री गतिला राजहंस

Read

24

सोसित मनेक देव सत्यनारायण प्रसाद

Read

25

एगो गोरखियाक मनेक गुमाइर फटिक चंद झा

Read

26

दुखेक सुरें सुखेक हांसि

बंशीलाल बंशी

Read

27

व्यंग्यकविता श्रीरामशरण विश्वकर्मा

Read

28

पांक गतिलाल राजहंस

Read

29

आर नायं पूछा हमर हाल श्री सेवालाल महतो

Read

30

तोयंलुचा कि हाम लुचा नागेश्वर महतो

Read

31

सुनें तोंय जगन्नाथ महतो

Read

32

जनक पुरेक नेवता संतोष कुमार महतो

Read

33

सहानभूति से बोड़ों संपति संतोष कुमार महतो

Read

34

सोंचा उपाय दिनेश कुमार दिनमणि

Read

35

धिक रे जीवन अकलू राम MAHTO

Read

36

घरेक फूट परितोष कुमार प्रजापति

Read

37

आपन भासा विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’

Read

38

खोरठा भासी विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’

Read

39

धानिक बरद विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’

Read

40

तनि सुन रे मानुस विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’

Read

41

गुलाब आर परास विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’

Read

42

पाथर विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’

Read

43

एखन बाँचि रहा भेलो दाय संतोष कुमार महतो

Read

44

काहे देले हामरा भिलाई मो. नइमउद्दीन मिरदाहा

Read

45

झारखण्डेक करन घार मनिष कुमार

Read

46

आपन घरहिं आपन नाय संतोष कुमार महतो

Read

47

बरेक दर  श्री अनंत व्यास महतो

Read

 

   

Read

 

   

Read

 

   

Read

 

इस संकलन में संतोष कुमार महतो की 5 कविताएँ हैं-

  • 1. रूसल भोला
  • 2. जनक पुरेक नेवता
  • 3. सहानुभुति से बोड़ो संपति
  • 4. एखन बांचि रहाभेलो दाम
  • 5. आपन घरहि आपन नायं

विश्वनाथ दसौंधी ‘राज’ की 6 कविताएँ-

 

  • 1. आपन भासा
  • 2. खोरठा भासी
  • 3. धानिक बरद
  • 4.तनि सुन रे मानुस
  • 5. गुलाब आर परास
  • 6. पाथर

“©www.sarkarilibrary.in”

ए. के. झा की 2 कविताएँ –

  • 1. आइझ एकाइ खोरठा
  • 2. तबे हले हामें कबिनायं.

 

बंशीलाल बंशी की दो कविताएं

  • 1. छुनुमुनु नुनी हामर
  • 2. दुखेक सुरें सुखेक हांसि

“©www.sarkarilibrary.in”

सुकुमार की 2 कविताएं 

  • 1. आगु करम आपन देश
  • 2.ढढनच

 

  • श्रीनिवास पानुरी की एक कविता – हामनि सब एक
  • शिवनाथ प्रमाणिक की एक कविता – मेढ़ आर मानुस,
  • डॉ. विनोद कुमार की एक कविता – देसेक जुआनन
  • दिनेश दिनमणि की एक कविता – सोंचा उपाय