डॉ. जानुम सिंह सोय की जीवनी (Dr. Janum Singh Soy Biography )


    डॉ. जानुम सिंह सोय की जीवनी 

    (Dr. Janum Singh Soy Biography )  

    Dr. Janum Singh Soy : डॉ. जानुम सिंह सोय का जन्म 

    डॉ. जानुम सिंह सोय का जन्म 8 अगस्त 1950 को  झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के अंतर्गत तांतनगर प्रखंड के गीतिललोंगोर नामक गांव में हुआ था।  उनके माता-पिता का नाम जरोय सोय और जेमा बुड़ीउली सोय है। 

    Dr. Janum Singh Soy:डॉ. जानुम सिंह सोय की शिक्षा  

    उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तोरलो और कोकचो गांव के विद्यालयों से प्राप्त की। इसके बाद मैट्रिक की परीक्षा BSE पटना से उत्तीर्ण की। ग्रेजुएशन टाटा कॉलेज चाईबासा से पूरी की और पोस्ट ग्रेजुएशन रांची विश्वविद्यालय से पूरी की।  इसके बाद “राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र रांची ” और “हो लोकगीत का साहित्यिक और सांस्कृतिक अध्ययन ” शोध कार्य कर पीएचडी की उपाधि भी रांची विश्वविद्यालय से ही अर्जित की थी। 

    Dr. Janum Singh Soy : डॉ. जानुम सिंह सोय का कार्य एवं पेशा  

    वह कोल्हन यूनिवर्सिटी, चाइबासा के हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे थे।  इसके अलावा उन्हें आकाशवाणी दूरदर्शन केंद्र रांची से भी “गरीबी से छुटकारा कैसे” विषय पर परिचर्चा करने हेतु आमंत्रित किया गया था। जिसमें उन्होंने बड़े ही साफ शब्दों में कहा था कि व्यक्ति अपने स्वभाव के अनुसार पेशे को अपनाएं और अपने विश्वास के साथ लगातार कर्म करें तभी उसे गरीबी से छुटकारा मिल सकता है। 

    हो भाषा में उत्कृष्ट कार्य के लिए कोल्हान के लोगों के द्वारा सम्मान से उन्हें “सोय सयोब ” की उपाधि दी गई है। 

    Dr. Janum Singh Soy : डॉ. जानुम सिंह सोय द्वारा रचित काव्य एवं उपन्यास 

    उन्होंने हो भाषा और संस्कृति पर कई सारे काव्य रचना किया है जिनमें से कुछ प्रमुख हैं – बहा सगेन , हरा सगेन, बलेए सगेन, जोड़ा सगेन, आदि। उनके जितने भी काफी रचनाएं हैं उनमें से ज्यादातर रचनाएं समाज की कुरीति एवं अच्छाइयों का बखान करती है।  

    उन्होंने आदिवासी समाज की समस्याओं, दुष्प्रभावों और जीवनशैली की मजबूरियों को लेकर हो कुड़ी नामक एक उपन्यास भी लिखा है। इस उपन्यास के माध्यम से वह गरीब व पिछड़े आदिवासियों को उनकी मजबूत मानसिकता, उच्च सोच व अपने कर्म के बल पर विकसित जीवन जीने का सुझाव देते हैं। 

    Dr. Janum Singh Soy : डॉ. जानुम सिंह सोय का परिवार के सदस्य 

    उनकी पत्नी का नाम हीरामणि बानरा है, जो पेशे से शिक्षिका थी।  दोनों के कुल 3 संतान हैं –  दो बेटियां और एक पुत्र। पत्नी  हीरामणि बानरा सेवानिवृत सहायक शिक्षिका है। उनके पुत्र जयसिंह सोय, उत्क्रमित उच्च विद्यालय पोखरिया के प्रभारी प्राचार्य हैं और उनकी पहली बेटी मनीषा सोय FCI के क्षेत्रीय कार्यालय पटना में कार्यरत है और दूसरी बेटी मधुरिमा सोय, हैदराबाद रिलायंस में एरिया विजुअल मर्चेंडाइजर पद पर सेवा दे रही है। 

    Dr. Janum Singh Soy : डॉ. जानुम सिंह सोय को मिले अवार्ड एवं सम्मान  

    26 जनवरी 2023 के पूर्व संध्या पर डॉ. जानुम सिंह सोय का नाम पदम श्री सम्मान के लिए घोषित किया गया था। 5 अप्रैल 2023 को उनके हो भाषा साहित्य में उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के माध्यम से  उन्हें पदम श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। 

    Dr. Janum Singh Soy Biography
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