बिहार में संचार व्यवस्था
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  • बिहार में जन संचार के अनेक साधन हैं- आकाशवाणी, दूरदर्शन, डाक-तार, टेलीफोन तथा समाचार-पत्र | 

आकाशवाणी 

  • बिहार में आकाशवाणी अर्थात् रेडियो जनसंचार का मुख्य साधन है । 
  • बिहार में पहला रेडियो स्टेशन पटना में स्थापित हुआ । 
  • पटना रेडियो स्टेशन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत का पहला रेडियो स्टेशन था, जिसका उद्घाटन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया । 
  • बिहार के प्रमुख शहर पटना, दरभंगा, भागलपुर तथा सासाराम में आकाशवाणी केन्द्र स्थापित हैं । इनके अतिरिक्त सहरसा आदि स्थानों पर ट्रांसमिशन केन्द्र स्थापित हैं ।
  • इन आकाशवाणी केन्द्रों से हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू में समाचारों के नियमित प्रसारण के अतिरिक्त हिन्दी, अँग्रेजी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका आदि भाषाओं में मनोरंजक, ज्ञानवर्द्धक एवं सुरुचिपूर्ण कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है । 
  • इनके अतिरिक्त आकाशवाणी पटना से विज्ञापन सेवा विविध भारती ( मीडियम वेव पर फतुहा से तथा FM चैनल पर प्रसारण) के अतिरिक्त FM पर ‘ज्ञान वाणी’ का भी प्रसारण होता है । 
  • अब सासाराम तथा पूर्णिया में भी आकाशवाणी केन्द्र की स्थापना हो चुकी है । 
  • पटना आकाशवाणी केन्द्र के नियमित समाचार – वाचक रहे हैं— राम रेणु गुप्त, कृष्ण कुमार भार्गव, अनंत कुमार आदि । 
  • दिल्ली में बिहार के जिन समाचार वाचकों ने अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है, वे हैं—- रामानुज प्रसाद सिंह, राजेन्द्र कुमार सिन्हा, संजय बनर्जी, श्रीमती क्लेयर नाग, सुधांशु रंजन आदि । 
  • विगत वर्षों में बिहार में आकाशवाणी, पटना के प्रसारणों में ‘लोहा सिंह’ नाटक सर्वाधिक लोकप्रिय रहा है । 
  • प्रसार भारती द्वारा संचालित आकाशवाणी के कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब स्रोताओं में अपनी पैठ बनाने के लिए कई निजी रेडियो चैनल / FM चैनल बिहार में अपना प्रसारण आरंभ कर चुके हैं, जिनमें पटना से प्रसारित ‘ 98.3 FM रेडियो मिर्ची’ शामिल है । 

दूरदर्शन 

  • एक छोटे से ट्रांसमीटर और मेकशिफ्ट स्टूडियो के सहारे देश में पहली बार 15 सितम्बर, 1959 को प्रयोग के तौर पर दूरदर्शन का प्रसारण शुरू हुआ था । 
  • बिहार में जनसंचार के लिए दूरदर्शन का उपयोग सन् 1975 में उपग्रह के माध्यम से आरंभ हुआ । बिहार में दूरदर्शन केन्द्र का शुभारम्भ 14 अगस्त, 1978 ई० को 1 किलोवाट शक्ति वाले ट्रांसमीटर के साथ मुजफ्फरपुर में हुआ । 
  • 100 वाट लघु शक्ति एवं 10 वर्ग किमी सेवा वाले ट्रांसमीटर के साथ पटना में दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना 1982 ई० में हुई । 
  • पटना में रंगीन प्रसारण की सुविधा 1982 से प्रारंभ हुई । 
  • पटना दूरदर्शन केन्द्र की शुरुआत 13 अक्टूबर, 1990 को हुई थी । 
  • अभी पटना, गया, भागलपुर, दरभंगा तथा अनेक शहरों में केबल टीवी सेवा का निरंतर विस्तार हो रहा है । 
  • बिहार में दूरदर्शन के उच्च शक्ति के 5 ट्रांसमीटर हैं । यहाँ के मुख्य दूरदर्शन केन्द्रों में पटना
  • कटिहार एवं मुजफ्फरपुर हैं। राज्य में निम्न शक्ति के 26 ट्रांसमीटर कार्यरत हैं। 
  • बिहार में दूरदर्शन के अतिरिक्त निजी टीवी चैनलों की संख्या एवं लोकप्रियता में इन दिनों काफी वृद्धि हुई है। बिहार में और खासकर राजधानी पटना में दर्श टीवी, ई टी वी बिहार
  • सहारा समय, स्टार टीवी, जी टीवी, सोनी, एन डी टीवी, साधना, महुआ, इंडिया टीवी, कलर्स, लाइफ ओके आदि अनेक चैनल के कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं । इनमें से अनेक चैनल के समाचार चैनल और मनोरंजन चैनल अलग-अलग हैं तथा इनका प्रसारण अपने दर्शकों के लिए चौबीसों घंटे ( अहर्निश) उपलब्ध है। वर्ष 2008 में भोजपुरी भाषियों के लिए ‘महुआ’ चैनल आरंभ हुआ । 

डाक-तार 

  • > राज्य की राजधानी पटना तथा देश के प्रमुख नगरों के मध्य द्रुत डाक सेवा ( Speed Post) की व्यवस्था होने के साथ-साथ राज्य के अंदर क्षेत्रीय द्रुत डाक सेवा से राज्य के सभी जिलों के मुख्यालय पटना से जुड़े हुए हैं। विदेश डाक व्यवस्था के अंतर्गत बिहार विश्व के 166 देशों के साथ संचार संबंध बनाये हुए है । 
  • बिहार सर्किल में मार्च, 2014 में जिला मुख्यालयों में अवस्थित 31 मुख्य डाकघरों के अतिरिक्त 9,064 डाकघर थे, जिनमें से 473 (5%) शहरी क्षेत्र में और 8,591 (95% ) ग्रामीण इलाके में थे । मार्च, 2014 तक 117 अस्थायी और 6 रात्रिकालीन डाकघर भी थे । इसी अवधि में पत्रपेटियों की संख्या 25,596 थी जिनमें से 22,705 ग्रामीण और 2, 891 शहरी क्षेत्र में थी ।

दूरसंचार 

  • भारत का दूरसंचार नेटवर्क अभी चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है ।
  • वर्ष 2011-12 के अंत तक बिहार में करीब 4.6 करोड़ दूरभाष कनेक्शन थे, जिनमें मोबाइल 
  • फोन की संख्या 98% से भी अधिक थी । 
  • भारतीय संचार निगम लिमिटेड BSNL के लैंडलाइन कनेक्शन की संख्या घटकर 2010-11 के 9.66 लाख की तुलना में 2014-15 में मात्र 3.59 लाख रह गई । 
  • साथ ही निगम के मोबाइल फोन की संख्या में भी काफी कमी आई है । 
  • दूरसंचार नियामक निकाय (TRAI) द्वारा फरवरी 2016 में जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार का दूरभाष घनत्व (टेलिडेंसिटी) राष्ट्रीय औसत – 2015 में 81.83 की तुलना में 52.51 था, हालांकि शहरी दूरभाष घनत्व की दृष्टि से संपूर्ण भारत के औसत (2015 में 149.70) से आगे (2015 में 164.13) था । 
  • कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट आदि के आगमन के कारण इस युग को सूचना क्रान्ति का युग कहा जा रहा है। बिहार भी इस क्षेत्र में किसी से बहुत पीछे नहीं है । 
  • आज न केवल राजधानी पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर आदि राज्य के बड़े शहरों में बल्कि सुदूर देहात व ग्रामीण क्षेत्रों में भी एयरटेल, रिलायंस मोबाइल, एयरसेल, वोडाफोन, यूनीनॉर, टाटा इंडिकॉम आदि जैसी प्रसिद्ध मोबाइल कम्पनियों के टावर और नेटवर्क (संचार व्यवस्था) देखने को मिलते हैं । 
  • बिहार में निजी सेवा प्रदाताओं के लैंडलाइन कनेक्शन नगण्य (0.20 लाख) हैं, किन्तु उनके मोबाइल कनेक्शनों की संख्या 2015-16 में 6.32 करोड़ हो गयी है । 
  • बिहार में BSNL के माइक्रोवेव सिस्टम की शुरूआत 
  • बिहार में BSNL के माइक्रोवेव सिस्टम की शुरुआत 23 दिसम्बर, 2011 को सहरसा और पूर्णिया के बीच हो गई। अब इस क्षेत्र में केबल व ऑप्टिकल फाइबर के क्षतिग्रस्त होने पर माइक्रावेव सिस्टम से मोबाइल व टेलीफोन चलेंगे। यह सिस्टम 8 से 25 किलोमीटर की दूरी तक काम करेगा । 

समाचार-पत्र व पत्रिकाएँ 

  • इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खूब लोकप्रियता के बावजूद समाचार पत्र-पत्रिकाएँ संचार के प्रमुख एवं सशक्त साधन हैं। राज्य से अनेक पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं । 
  • उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार राज्य से करीब 72 दैनिक, 203 साप्ताहिक, दो अर्द्ध- साप्ताहिक, 24 पाक्षिक, 49 मासिक, 6 त्रैमासिक प्रकाशित होती हैं। राज्य के प्रमुख दैनिक पत्रों में हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, 
  • तंजीम, आज, प्रभात खबर, राष्ट्रीय सहारा, बिजनेस स्टैण्डर्ड, द टेलीग्राफ, आई नेक्स्ट, बिहार टाइम्स, सन्मार्ग, फिर वही संध्या प्रहरी, प्रत्यूष नवविहार आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। 

बिहार में समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएँ 

  • बिहार का प्रथम हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘बिहार बन्धु’ था। इसका प्रकाशन 1874 ई० में पटना से हुआ था । 
  • बिहार का प्रथम अंग्रेजी समाचार-पत्र ‘द बिहार हेराल्ड’ था। इसका प्रकाशन 1875 ई० में गुरु प्रसाद सेन द्वारा किया गया।
  • बिहार का प्रथम उर्दू दैनिक समाचार-पत्र ‘ नुरूल अन्वार’ था । इसका प्रकाशन 1876 ई० में आरा से मोहम्मद हाशिम द्वारा किया गया था। 

बिहार में प्रमुख दैनिक समाचार-पत्रों के प्रकाशन के वर्ष व स्थल 

समाचार-पत्र का नाम स्थापना वर्ष प्रकाशन स्थल भाषा
सर्वहितैषी 1880 पटना हिन्दी