जन्तुओ का वर्गीकरण
Classification of animals
Part 02
कार्डेटा (Chordata)
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कार्डेटा को तीन उपसंघों में विभाजित किया गया है
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Urochordata/यूरोकार्डेटा
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Cephalochordata/सिफैलोकार्डेटा
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Vertebrata /कशेरूकी/वर्टीब्रेटा
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यूरोकार्डेटा(Urochordata)
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सिर्फ लार्वा की पूँछ में नोटोकार्ड उपस्थित रहता है।
उदाहरणः एसिडिया, सैल्पा, डोलिओलम
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(Cephalochordata)/सिफैलोकार्डेटा
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पूरे जीवन काल में सिर से पूँछ तक नोटोकार्ड उपस्थित रहता है।
उदाहरणःब्रैंकिओस्टोमा (एम्फीऑक्सस)
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कशेरूकी/वर्टीब्रेटा/Vertebrata)
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सिर्फ भ्रूण अवस्था (Embyonic Period) के समय नोटोकार्ड उपस्थित रहता है।
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वयस्क होने पर यह नोटोकोर्ड मेरुदंड (Vertebral Column) में परिवर्तित हो जाता है, जिसे बैकबोन कहते हैं।
नोटः
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यूरोकार्डेटा एवं सिफैलोकार्डेटा को एक साथ प्रोटोकार्डेटा (Protochordata) कहते हैं।
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ये मुख्यतः समुद्री होते हैं।
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सभी कशेरूकी रज्जुकी होते हैं परंतु सभी रज्जुकी, कशेरूकी नहीं होते।
मत्स्य वर्ग
कांड्रीक्थीज (Chondrichthyes)
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धारारेखीय शरीर वाले समुद्री प्राणी हैं
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इनमें पृष्ठरज्जु(notochord) चिरस्थायी रूप से पाई जाती है।
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इनके जबड़े शक्तिशाली होते हैं।
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इनका हृदय दो प्रकोष्ठों वाला होता है।
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इनका अंतः कंकाल – उपास्थिल (Cartilaginous) होता है।
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इनमें हड्डी नहीं पाई जाती।
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वायु कोष या वाताशय की अनुपस्थिति हैं।
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इन प्राणियों में कुछ में विद्युत अंग (टॉरपीडो में) तथा कुछ में विष दंत (ट्रायगोन में) पाए जाते हैं।
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ये असमतापी होते हैं तथा अधिकांशतः जरायुज अर्थात् बच्चे को जन्म देने वाले होते हैं।
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उदाहरणः स्कॉलियोडोन (डॉग फिश), ट्राइगोन (स्टिंग रे),शार्क( Shark)
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डॉग फिश को स्पेडनोज शार्क भी कहते हैं।
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शार्क भी बच्चे को जन्म देती है।
ऑस्टिंक्थीज (Osteichthyes)
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इस वर्ग की मछलियाँ लवणीय तथा अलवणीय दोनों प्रकार के जल में पाई जाती हैं।
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अंतः कंकाल(endoskeleton) – अस्थिल (Bony) होता है।
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इनमें वायुकोष (Air Bladder) उपस्थित होता है जो उत्पलावन में सहायक होता है।
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हृदय दो प्रकोष्ठों का होता है।
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ये सभी असमतापी होते हैं
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ये अधिकांशतः अंडा देने वाले होते हैं।
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उदाहरणः रोहू, कतला, मांगुर
कॉड समुद्री मछली (cod sea fish)
टेट्रापोडा वर्ग (Tetrapoda class)
उभयचर (Amphibia)
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ये जल तथा स्थल दोनों में रह सकते हैं।
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इनमें अधिकांश में दो जोड़े पैर होते हैं एवं कुछ में पूंछ उपस्थित होती है।
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इनकी त्वचा नम (शल्करहित) होती है एवं नेत्र, पलक वाले होते हैं।
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श्वसन क्लोम, फुफ्फुस तथा त्वचा के द्वारा होता है।
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हृदय तीन प्रकोष्ठों का बना होता है।
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ये असमतापी प्राणी होते हैं एवं अंडोत्सर्जन करते हैं।
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उदाहरणः बूफो (टोड), मेढक, हायला (वृक्ष मेढक), सैलामैंडर,
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लंग फिश (Lung Fish) मत्स्य (मछलियों) एवं उभयचरों के बीच की कड़ी है।
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मेढक त्वचा के द्वारा साँस लेता है ।
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स्थल पर वयस्क मेढक अपने फेफड़ों द्वारा श्वसन करता है।
सरीसृप (Reptilia)
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ये अधिकांशतः स्थलीय प्राणी हैं जिनका शरीर शुष्क शल्कयुक्त त्वचा से ढका रहता है।
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ये शल्क(Shale ) किरेटिन से बने होते हैं।
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इनमें बाह्य कर्ण छिद्र नहीं पाए जाते
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हृदय सामान्यत: तीन प्रकोष्ठों का होता है, परंतु मगरमच्छ (Crocodile) में चार प्रकोष्ठों का होता है।
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ये असमतापी होते हैं
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ये अंडे देने वाले हैं।
उदाहरणः टर्टल (कछुआ), टोरटॉइज, वृक्ष छिपकली, घरेलू छिपकली, गिरगिट, ऐलीगेटर, घड़ियाल, कोबरा, करैत, वाइपर (अंतिम तीनों जहरीले साँप हैं) आदि।
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बोआ, पायथन (अजगर), बुलस्नेक एवं किंगस्नेक आदि साँप जहरीले नहीं (Non-Venomous) होते।
समतापी (Homeotherms) – constant body temperature
असमतापी (Poikilotherm) – Varies body temperature
पक्षी (Aves)
मुख्य लक्षण
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पंखों की उपस्थिति
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इनमें चोंच पाई जाती है।
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इनके अंतः कंकाल की लंबी अस्थियाँ खोखली होती हैं तथा वायुकोष (Air Cavities) युक्त होती हैं।
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हृदय पूर्ण चार प्रकोष्ठों का बना होता है।
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ये समतापी (होमियोथर्मस/Homeotherms) होते हैं।
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श्वसन फुप्फुस के द्वारा होता है।
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पक्षियों में शब्दिनी (साइरिक्स/Syrinx) नामक वाद्यअंग (Vocal Organ) पाया जाता है।
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पक्षियों में एक ही अंडाशय होता है ।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
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पृथ्वी पर सबसे ऊँचा एवं विशालतम् जीवित पक्षी – शुतुरमुर्ग (Ostrich)
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अफ्रीका में पाया जाता है।
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यह उड़ने में असमर्थ होता है।
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एकमात्र पक्षी जिसके पैरों में 2 उँगलियाँ (Toes) होती हैं।
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स्थलीय कशेरूकियों में इसकी आँखें सबसे बड़ी मानी जाती हैं।
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शुतुरमुर्ग के अंडे प्राणी जगत के अंडों में सबसे बड़े होते हैं।
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विश्व का दूसरा सबसे विशाल पक्षी – ऐमू (Emu)
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यह ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है।
पेंग्विन (Penguin)
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पक्षी जो उड़ नहीं सकता।
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दक्षिणी गोलार्ध में पाए जाते हैं।
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सबसे विशाल पेंग्विन – एम्पेरर पेंग्विन (Emperor Penguin)
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सबसे छोटा पक्षी – गुंजन पक्षी (Humming Bird)
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एकमात्र पक्षी है जो आगे-पीछे दोनों तरफ उड़ सकता है
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इस पक्षी का मस्तिष्क पूरे पक्षी वर्ग में सबसे बड़ा होता है
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नर एवं मादा कबूतर अपने अन्नपुट (Crop), जो भोजन संग्रहण के काम आता है, में बने एक श्वेत पोषक द्रव कपोत दूध (Pigeon’s Milk) अपने नवजात कबूतरों को खिलाते हैं।
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कूटक (Keel):
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पक्षियों में यह स्टर्नम (ब्रेस्टबोन) के बढे हुए भाग के रूप में होता है जो उड़ने में मदद करता है।
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न उड़ पाने वाले पक्षियों में यह संरचना नहीं पाई जाती।
उड़ने में अक्षम (Flightless) पक्षी:
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शुतुरमुर्ग, ऐमू, कीवी, पेंग्विन,रिया(Rhea), कैसोवरी(Cassowary)।
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कीवी – केवल न्यूजीलैंड में पाया जाता है)
स्तनधारी (Mammals)
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मूलभूत लक्षण
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डायफ्रॉम की उपस्थिति
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दूध उत्पन्न करने वाली ग्रंथि (स्तन ग्रंथि)
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दो जोड़ी पाद ()
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त्वचा पर रोम
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बाह्य कर्ण ()
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हृदय चार प्रकोष्ठ
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कुछ को छोड़कर सभी स्तनधारी बच्चे को जन्म देते हैं।
अंडे देने वाले स्तनधारी
प्रोटोथेरिया (prototheria)
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प्लैटीपस (Platypus) या डकबिल एवं स्पाइनी ऐंटइटर या एक्डिना(Echidna)
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इनमें यूरीनरी ब्लैडर नहीं पाया जाता परंतु रोम (Hair) पाए जाते हैं।
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ये इलेक्ट्रिक फिल्ड उत्पन्न कर अपने शिकार को पकड़ते हैं।
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ये स्तनधारी एवं सरीसृप के बीच की कड़ी माने जाते हैं।
बच्चे देने वाले स्तनधारी (जरायुज/Viviporous )
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मेटाथेरिया वर्ग (Metatheria)
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यूथेरिया वर्ग (Eutheria)
मेटाथेरिया (मारसुपियल मैमल्स)
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मारसुपियल (marsupial)
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यूथेरिया वर्ग (प्लेसेंटल मैमल्स) /Eutheria
मारसुपियल (marsupial)
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कोई स्तनपायी जिसमें बच्चा अपरिपक्व अवस्था में पैदा होते हैं और मार्सुपियम थैली में विकास जारी रखते हैं ।
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कंगारू या मैक्रोपस, कोएला
यूथेरिया वर्ग (प्लेसेंटल मैमल्स) /Eutheria class (placental mammals)
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कोई स्तनपायी जिसमें बच्चा परिपक्व अवस्था में पैदा होते हैं
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कुत्ता, बिल्ली, भालू, मनुष्य
महत्त्वपूर्ण तथ्य
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विश्व का सबसे विशाल प्राणी/विशालतम् स्तनधारी – ब्लू व्हेल (Blue Whale)
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पृथ्वी का सबसे बड़ा शावक जन्म देनेवाला प्राणी
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जन्म के समय भी यह विश्व की सबसे विशाल प्राणी
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इसके वज़न में प्रतिदिन 200 पौंड की बढ़ोतरी होती है।
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पृथ्वी का विशालतम् वन्य प्राणी – अफ्रीकी हाथी
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बिना रीढ़ की हड्डी वाले पशुओं में पित्ताशय नहीं पाया जाता, परंतु रीढ़ वाले प्राणी होते हुए भी घोड़ों एवं चूहों में पित्ताशय नहीं होता।
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चमगादड़ में मध्यपट (डायफ्रॉम) उपस्थित होता है, जिसके कारण वह पक्षियों से भिन्न होता है।
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खरगोश सदस्यों को चेतावनी देने हेतु पिछले अंगों से ज़मीन पर प्रहार करता है।
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स्थलीय कशेरूकी जीव
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सरीसृप वर्ग के प्राणी
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पैदा – ट्राइएसिक काल में
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विलुप्त – क्रिटेशियस युग
ऑर्कियोप्टेरिक्स (Archeopteryx)/Urvagel
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पक्षी तथा सरीसृप वर्ग के बीच की कड़ी
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Bird like Dinasours ।